नई दिल्ली: पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने चीनी राजदूत जियांग जैदोंग द्वारा देश में चीनी नागरिकों पर बार-बार हो रहे हमलों के लिए इस्लामाबाद की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने और उनकी सुरक्षा के लिए और अधिक कदम उठाने का आग्रह करने पर आश्चर्य व्यक्त किया है. मंगलवार को एक सम्मेलन में जियांग ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना पर काम कर रहे चीनी नागरिकों की भलाई बीजिंग की सबसे बड़ी चिंता है.
कराची के जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास 6 अक्टूबर की घटना और खैबर पख्तूनख्वा में मार्च में हुए हमले जिसमें पांच चीनी इंजीनियर मारे गए थे, समेत हमलों का हवाला देते हुए जियांग ने “सभी चीन विरोधी आतंकवादी समूहों” के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
इस्लामाबाद में पाकिस्तान-चीन संस्थान द्वारा आयोजित ’75 साल के चीन: प्रगति, परिवर्तन और नेतृत्व की यात्रा’ सम्मेलन में जियांग ने कहा, “सिर्फ़ छह महीनों में हम पर दो बार हमला होना बहुत अस्वीकार्य है और हम इन हमलों में हताहत भी हुए हैं.”
राजदूत ने चेतावनी दी कि अस्थिर माहौल द्विपक्षीय परियोजनाओं, खासकर सीपीईसी से संबंधित परियोजनाओं में बाधा उत्पन्न कर सकता है. उन्होंने कहा कि चीनी श्रमिकों की सुरक्षा दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है.
जियांग ने पाकिस्तान से “ऐसी आतंकी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रभावी उपचारात्मक उपाय करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि अपराधियों की पहचान की जाए, उन्हें पकड़ा जाए और उन्हें दंडित किया जाए”, उन्होंने इन हमलों को देश में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजनाओं पर “बाधा” के रूप में वर्णित किया.
इस साल की शुरुआत से पाकिस्तान में हुए सिलसिलेवार हमलों में सात चीनी नागरिक मारे गए हैं, और एक दशक पहले CPEC शुरू होने के बाद से 21 लोग मारे गए हैं. CPEC चीन की BRI की एक प्रमुख परियोजना है जिसका उद्देश्य पाकिस्तान के सड़क बुनियादी ढांचे और चीन के साथ व्यापार में सुधार करना है.
पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रिया
गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान राजदूत के “सार्वजनिक” बयानों से हैरान है क्योंकि वे दोनों देशों के बीच पारंपरिक राजनयिक संबंधों को “प्रतिबिंबित नहीं करते” हैं.
बलूच ने कहा, “चीनी राजदूत का बयान हैरान करने वाला है, खासकर पाकिस्तान और चीन के बीच सकारात्मक कूटनीतिक परंपराओं को देखते हुए.”
उन्होंने चीनी लोगों को “मूल्यवान मेहमान” बताया, जिन्होंने पाकिस्तान के विकास में अमूल्य योगदान दिया है और कहा कि पाकिस्तान में चीनी नागरिकों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद समर्पित है.
बलूच ने इस बात की पुष्टि की कि हमलों की जांच जारी है, जो दो दिन पहले विदेश मंत्री इशाक डार के बयान से मेल खाती है.
मंगलवार के कार्यक्रम में डार ने आतंकवाद का मुकाबला करने और चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि जांच का विवरण चीनी अधिकारियों के साथ साझा किया गया है.
बलूच ने इस बात की पुष्टि की कि हमलों की जांच जारी है, जो दो दिन पहले विदेश मंत्री इशाक डार के बयान से मेल खाती है. मंगलवार के कार्यक्रम में डार ने आतंकवाद का मुकाबला करने और चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि जांच का विवरण चीनी अधिकारियों के साथ साझा किया गया है.
बलूच उग्रवादियों द्वारा किए गए हमलों की जिम्मेदारी
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी या बीएलए ने पाकिस्तान में चीनी काफिलों पर मार्च और अक्टूबर में हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है.
बीएलए ने चीन पर पाकिस्तानियों के विकास की आड़ में अपने शोषणकारी कारोबार को छिपाने का आरोप लगाया है. इसने कहा है कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्देश्य स्थानीय विकास नहीं बल्कि चीन की अपनी आर्थिक महत्वाकांक्षाएं हैं.
बलूच विद्रोहियों ने पहले भी चीनी हितों को निशाना बनाया है, जिसमें 2018 में कराची में वाणिज्य दूतावास पर हमला, 2019 में ग्वादर के पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल में चीनी पर्यटकों पर हमला और 2022 में कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस संस्थान में आत्मघाती बम विस्फोट शामिल है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)
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