गुवाहाटी, 30 अक्टूबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों के अनुरूप आम सहमति से चीन के साथ शांति प्रक्रिया जारी रखना चाहता है।
सिंह ने ‘बड़ा खाना’ के अवसर पर तेजपुर स्थित गजराज कोर के मुख्यालय में भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए शांति प्रक्रिया में सैनिकों के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा, “हम आम सहमति के जरिए इस शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं और यह भारत की स्पष्ट नीति है।”
सिंह ने कहा कि हालांकि, कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जबकि सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, “यह कोई छोटी बात नहीं है, यह बहुत बड़ी बात है। हमने यह सब आपके कारण ही हासिल किया है। यह आपसी संवाद इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हर कोई आपके साहस और पराक्रम से परिचित है।”
सिंह ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से पूर्वोत्तर बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र प्राकृतिक दृष्टि से जितना सुन्दर है, भौगोलिक दृष्टि से उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन मुद्दों को सुलझाने के लिए लंबे समय से बातचीत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “यह एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर सीमा से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम है। हमारे प्रयासों के बाद हम एलएसी पर जमीनी हालात पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं।”
भारतीय सेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी।
सिंह को दिन में तवांग जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। अब वह बृहस्पतिवार को वहां जाएंगे।
‘बड़ा खाना’ एक ऐसे भोज का आयोजन है, जिसमें सभी रैंक के कर्मी एक साथ भोजन करते हैं।
भाषा नोमान रवि कांत
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