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Wednesday, 30 October, 2024
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शंकराचार्य ने अमेरिका में रथ यात्रा के ‘बेवक्त’ आयोजन पर आपत्ति जताई

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भुवनेश्वर, 30 अक्टूबर (भाषा) गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अमेरिका में ‘असामयिक’ रथ यात्रा आयोजित करने की इस्कॉन की योजना पर बुधवार को आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह की ‘पैंतरेबाजी’ से उन्हें किसी भी तरह का फायदा नहीं मिलेगा।

शंकराचार्य का यह बयान अमेरिका में इस्कॉन की ह्यूस्टन इकाई के उस फैसले को लेकर भगवान जगन्नाथ के भक्तों के बीच नाराजगी के मद्देनजर आया है, जिसके तहत क्रमशः 3 और 9 नवंबर को ‘स्नान यात्रा’ (स्नान अनुष्ठान) और ‘रथ यात्रा’ के आयोजन की योजना है।

ये दोनों ही तिथियां पुरी के जगन्नाथ मंदिर में ‘स्नान यात्रा’ और ‘रथ यात्रा’ के आयोजन के लिए निर्धारित तिथि से अलग हैं। पुरी में ‘स्नान यात्रा’ का आयोजन ‘ज्येष्ठ’ माह की पूर्णिमा को किया जाता है, जो आमतौर पर जून में पड़ता है। वहीं, ‘रथ यात्रा’ ‘आषाढ़’ महीने के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन निकाली जाती है, जो अमूमन जून या जुलाई में पड़ता है।

शंकराचार्य ने कहा, “वे (इस्कॉन) अनुष्ठान से वाकिफ हैं। भगवान जगन्नाथ का अनुष्ठान वेवक्त करना लोकप्रियता हासिल करने का एक पैंतरा मात्र है। इससे उन्हें किसी भी तरह का फायदा नहीं होने वाला है। वे जानबूझकर परंपरा का उल्लंघन कर रहे हैं। इससे उन्हें केवल असफलता ही मिलेगी।”

इस बीच, ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि पहले इस्कॉन ने प्रतिबद्धता जताई थी कि जगन्नाथ संस्कृति और त्योहारों से संबंधित उनके सभी कार्यक्रम पुरी जगन्नाथ मंदिर के अधिकारियों की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के हिसाब से मनाए जाएंगे।

कई सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने हरिचंदन से मुलाकात कर इस्कॉन की ह्यूस्टन इकाई की योजना पर चिंता जताई थी। पुरी जगन्नाथ मंदिर राज्य सरकार के कानून विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है।

हरिचंदन ने कहा, “मैं इस्कॉन, मायापुर के अखिल भारतीय प्रमुख की ओर से सभी इस्कॉन मंदिरों को भेजे गए कुछ पत्रों पर नजर दौड़ा रहा था, जिसमें कहा गया था कि जहां तक ​​किसी समारोह, त्योहार, अनुष्ठान का सवाल है, उनका आय़ोजन ‘श्री मंदिर’ (पुरी जगन्नाथ मंदिर) के अध्यक्ष के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “इसे ध्यान में रखते हुए प्रबंध समिति के अध्यक्ष महाराज गजपति दिव्यसिंह देब ने इस्कॉन को एक पत्र लिखा है। मुझे लगता है कि वे रथ यात्रा के असामयिक आयोजन के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।”

पुरी के महाराज गजपति दिब्यसिंह देव ने मंगलवार को ह्यूस्टन स्थित इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल में इस्कॉन मायापुर के शासकीय आयोग के अध्यक्ष से ह्यूस्टन में रथ यात्रा के आयोजन के समय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था।

भाषा पारुल माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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