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Monday, 28 October, 2024
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महत्वपूर्ण खनिजों के लिए भारत को आयात निर्भरता कम करने की जरूरतः रिपोर्ट

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नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) भारत अपने ऊर्जा बदलाव की रफ्तार को तेज करने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों के आयात पर बेहद निर्भर है। खासकर लिथियम, कोबाल्ट एवं निकल के लिए देश पूरी तरह आयात पर निर्भर है। सोमवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।

इंस्टिट्यूट फॉर एनर्जी इकनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की महत्वपूर्ण खनिजों की मांग 2030 तक दोगुनी से अधिक होने की उम्मीद है जबकि घरेलू खनन कार्यों को उत्पादन शुरू करने में एक दशक से अधिक समय लग सकता है।

रिपोर्ट कहती है कि भारत को इन जरूरी खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को संतुलित करने और संभावित व्यापार जोखिमों को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार की गई आयात रणनीति अपनाने की जरूरत है।

आईईईएफए की रिपोर्ट में आयात निर्भरता, व्यापार गतिशीलता, घरेलू उपलब्धता और वैश्विक मूल्य उतार-चढ़ाव के दृष्टिकोण से पांच महत्वपूर्ण खनिजों (और उनके यौगिकों) – कोबाल्ट, तांबा, ग्रेफाइट, लिथियम और निकल का परीक्षण किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत इन खनिजों और उनके यौगिकों के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है और लिथियम, कोबाल्ट एवं निकल जैसे खनिजों के लिए तो वह 100 प्रतिशत आयात पर निर्भर है।

रिपोर्ट के सह-लेखक और आईईईएफए के ऊर्जा विशेषज्ञ चरित कोंडा ने कहा, ‘‘भारत को नए अंतरराष्ट्रीय संसाधनों की पहचान करके और घरेलू उत्पादन में तेजी लाकर अपने महत्वपूर्ण खनिजों के स्रोत को जोखिम-मुक्त करने की कोशिश करनी चाहिए। खनिज समृद्ध देशों के साथ साझेदारी करने और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस प्रयास भारत की प्राथमिकता होनी चाहिए।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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