scorecardresearch
Monday, 21 October, 2024
होमदेशभारतीय जासूस विकास यादव पन्नू को ‘निशाना’ बनाते हुए कैसे रॉ में स्थायी नियुक्ति के लिए CAT से लड़ रहा था

भारतीय जासूस विकास यादव पन्नू को ‘निशाना’ बनाते हुए कैसे रॉ में स्थायी नियुक्ति के लिए CAT से लड़ रहा था

इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि एक जूनियर अधिकारी, जिसे लगभग 9 साल की सर्विस और जारी मुकदमे के बावजूद स्थायी नियुक्ति से रोका गया, अत्यधिक संवेदनशील मामले में कैसे शामिल हो गया.

Text Size:

नई दिल्ली: पूर्व खुफिया अधिकारी विकास यादव, जिस पर अमेरिका ने भारत द्वारा नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ न्यूयॉर्क में ‘हत्या की साजिश’ रचने का आरोप लगाया है, ने पिछले साल ही केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में मुकदमा दायर करने के बाद रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में स्थायी नौकरी हासिल की थी. दिप्रिंट को इस बारे में दस्तावेज़ से जानकारी मिली है. मुकदमे से पता चला कि यादव ने रॉ के लिए बतौर प्रोबेशन नौ साल तक सीनियर फील्ड ऑफिसर (एसएफओ) के पद पर काम किया है.

दस्तावेज़ के अनुसार, R&AW का प्रशासनिक नियंत्रण रखने वाले कैबिनेट सचिवालय के शीर्ष अधिकारियों ने 9 अक्टूबर, 2023 को ही यादव की SFO के पद पर स्थायी नियुक्ति पर अपनी आपत्तियां वापस लीं. इसके बाद, यादव को R&AW की सहयोगी इमेज-इंटेलिजेंस जानकारी जुटाने वाली एजेंसी, एविएशन रिसर्च सेंटर में स्थायी SFO नियुक्त किया गया.

यादव की नियुक्ति को सक्षम करने का फैसला संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और केंद्रीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख विलियम बर्न्स द्वारा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ पन्नुन साजिश पर चर्चा करने के दो महीने बाद आया.

इन समयसीमाओं के बारे में बहुत जिज्ञासा होगी और समय के साथ ही स्पष्टता सामने आ सकती है.

इस बात पर भी बहुत कम स्पष्टता है कि एक जूनियर अधिकारी इतने संवेदनशील ऑपरेशन में कैसे शामिल हो गया, जिसमें कथित तौर पर एक प्रमुख पश्चिमी लोकतंत्र में हत्या का प्रयास शामिल था. इस बात का भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि यादव द्वारा हिट-मैन को किए गए नकद 15,000 डॉलर को किसने अप्रूव किया — जो यूनाइटेड स्टेट्स ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के लिए काम करने वाला एक अंडरकवर ऑपरेटिव था — और क्या वह आधिकारिक निर्देशों पर काम कर रहा था.

पन्नू मामले के सिलसिले में एफबीआई ने यादव को अपनी “मोस्ट वांटेड” सूची में डाल दिया है. 10 अक्टूबर को उनके खिलाफ गिरफ्तारी का एक अमेरिकी संघीय वारंट जारी किया गया था. आप उनकी गिरफ्तारी के बारे में अधिक जानकारी यहां पढ़ सकते हैं.

दिप्रिंट ने कॉल के ज़रिए यादव के वकील आशीष निश्चल से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने ऑन-रिकॉर्ड कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

कैट फाइलिंग और मामले की जानकारी रखने वाले एक वकील के अनुसार, 39-वर्षीय यादव ने 5 दिसंबर, 2022 को रॉ में अपनी नौकरी की पुष्टि करने वाला आदेश न मिलने पर इसकी मुख्य शाखा के समक्ष याचिका दायर की. यादव ने अपने सबसे प्रमुख बॉस, रॉ प्रमुख या कैबिनेट सचिवालय के सचिव (आर) के खिलाफ याचिका दायर की थी, जैसा कि पद का वर्णन किया गया है, साथ ही कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव (एसआर) या अतिरिक्त सचिव और कैबिनेट सचिवालय के विमानन अनुसंधान केंद्र के विशेष सचिव (एआरसी), सुरक्षा महानिदेशालय के खिलाफ भी याचिका दायर की थी. कैट ने तुरंत 8 दिसंबर, 2022 को सरकारी अधिकारियों को नोटिस भेजा.

कैट की मुख्य पीठ के समक्ष चार बाद की सुनवाई में — जनवरी 2023, अप्रैल 2023, जुलाई 2023 और सितंबर 2023 में — अदालत ने सरकारी अधिकारियों को मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कई मौके दिए. सरकार ने आखिरकार 26 सितंबर, 2023 को जवाब दाखिल किया. अप्रैल और जुलाई में रॉ नेताओं को कैट द्वारा दिए गए नोटिस के बीच के महीनों में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई और गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ साजिश, जिसमें यादव शामिल है, को भी नाकाम कर दिया गया.

दिप्रिंट द्वारा प्राप्त कैट के आदेश के अनुसार, एविएशन रिसर्च सेंटर के उप सचिव (कार्मिक प्रभाग) ने 9 अक्टूबर, 2023 को यादव की नौकरी की पुष्टि करते हुए एक कार्यालय आदेश जारी किया. इस आदेश में विकास यादव के प्रोबेशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए भारत सरकार की स्वीकृति दी गई और 13 नवंबर, 2015 से या 9 साल पीछे की तारीख से सुरक्षा महानिदेशालय के कार्यकारी कैडर में वरिष्ठ फील्ड अधिकारी (जीडी) के रूप में उनकी स्थिति की पुष्टि की गई.

कैट के आदेश से संकेत मिलता है कि 2015 के आसपास विकास यादव ने कैबिनेट सचिवालय में अपनी प्रोबेशन पीरियड पूरा किया था. हालांकि, उन्हें अपनी नौकरी की पुष्टि के आदेश के आने के लिए 9 साल इंतज़ार करना पड़ा. अक्टूबर 2023 के आदेश में यादव की शिकायतों को संबोधित करने के बाद, कैट की मुख्य पीठ के समक्ष उनका आवेदन निष्फल हो गया.

भारत ने अमेरिका को सूचित किया है कि विकास यादव को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

दिप्रिंट ने पहले रिपोर्ट की थी कि बताया था कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा उसके नाम और कार्रवाई को चिह्नित करने के बाद, रॉ ने यादव को बर्खास्त कर दिया. आंतरिक आदेश के उल्लंघन की आंतरिक जांच के बाद उन्हें 2023 में उसके मूल CAPF संगठन में वापस भेज दिया गया था, लेकिन बाद में, CAPF ने भी उन्हें बर्खास्त कर दिया.

दिसंबर 2023 में, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने एक स्थानीय व्यवसायी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में यादव को गिरफ्तार किया, जिसने दावा किया कि वह उसका शिकार था. पुलिस का आरोप है कि यादव का लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से संबंध है. तिहाड़ जेल में करीब चार महीने बिताने के बाद उन्हें इस साल अप्रैल में ज़मानत पर रिहा किया गया.

दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार, यादव और उनके एक सहयोगी अब्दुल्ला खान ने बंदूक की नोक पर व्यवसायी से नकदी और आभूषण छीने.

कानूनी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया है कि अगर भारत में उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही लंबित है तो यादव को अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: बहराइच में सांप्रदायिक झड़प के बाद आरोपियों के घर के बाहर लगे अतिक्रमण हटाने के नोटिस


 

share & View comments