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Thursday, 21 November, 2024
होमदेश'मेरे निजी जीवन पर हमला बोलने वालों को जवाब है गोल्ड मेडल'

‘मेरे निजी जीवन पर हमला बोलने वालों को जवाब है गोल्ड मेडल’

दुती ने हाल ही में खुलासा किया था कि वह समलैंगिक हैं. इस खबर के बाद उनके घर वाले भी उनके खिलाफ आ गए थे.

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वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाली भारत की महिला फर्राटा धावक दुती चंद का कहना है कि यह पदक दुनिया द्वारा की गई निजी सम्बंधों पर की गई उनकी आलोचनाओं का जवाब है.

दुती ने इटली के नापोली में खेले गए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में महिलाओं की 100 मीटर स्पर्धा में 11.32 का समय निकाल स्वर्ण पदक अपने नाम किया. वह इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला धावक बनी हैं.

दुती ने बीते दिनों अपने निजी जीवन को लेकर कई खुलासे किए जिसके बाद कई लोग उनके खिलाफ आ गए थे. दुती ने हालांकि, आईएएनएस से बातचीत में अपने निजी जीवन के बारे में पूछे गए सवाल पर जवाब देने से मना कर दिया कि लेकिन, इतना जरूर कहा कि यह पदक उनके सभी तरह के विरोधियों को जवाब है.

दुती ने कहा, ‘2014 से लेकर अभी तक मेरे जीवन में काफी विवाद रहे. 2014 में भी काफी लोगों ने मेरे बारे में काफी बुरा बोला था. लेकिन मैंने 2016 रियो ओलम्पिक में खेल के उन्हें जबाव दे दिया. व्यक्तिगत जीवन को लेकर भी अभी लोगों ने मेरे बारे में कहा कि दुती स्पोटर्स छोड़ रही हैं. खेल पर ध्यान नहीं दे रही है, लेकिन इस जीत के बाद सभी को पता चला कि मेरा ध्यान खेल पर ही है.’

दुती ने हाल ही में खुलासा किया था कि वह समलैंगिक हैं. इस खबर के बाद उनके घर वाले भी उनके खिलाफ आ गए थे. दुती से जब पूछा गया कि अब उनके परिवार में स्थिति कैसी है, तो उन्होंने निजी जीवन के बारे में बात करने से मना कर दिया.

दुती ने हालांकि नापोली में पदक जीतने के बाद एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि यह पदक उन लोगों (मां और बहन) को करारा जवाब है, जो उनकी निजी सम्बंधों के खिलाफ हैं और उन्हें एक लिहाज से परिवार से बेदखल कर दिया है.

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में जीते गए स्वर्ण को दुती ने काफी खास बताया और कहा कि 15 साल के उनके करियर में यह उनका सबसे खास पदक है.

दुती ने कहा, ‘वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स और ओलम्पिक खेल लगभग बराबर होते हैं. यहां समान स्तर की प्रतिद्वंद्विता मिलती है. विश्व भर के खिलाड़ी इन खेलों में आते हैं इसलिए प्रतिस्पर्धा काफी कठिन होती है. ओलम्पिक का क्वालीफाई मार्क जो है वो है 11.15 वो मैंने हासिल नहीं किया है लेकिन अभी मेरे पास सात-आठ महीने हैं, लेकिन मुझे जिस जिस जगह समर्थन की जरूरत है वो अगर समय पर मुझे मिल गई तो मेरी उम्मीद पूरी हो सकती है.’

एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली दुती ने कहा कि वह देश के बाहर ट्रेनिंग करना चाहती हूं और इसके लिए मुझे समर्थन की जरूरत है.

दुती ने कहा, ‘मैं हमेशा से बाहर जा कर ट्रेनिंग करने की बात करती हूं. इसकी मुझे जरूरत है. अच्छे-अच्छे कॉम्पिटिशन की जरूरत है. अच्छी डाइट न्यूट्रीशन की जरूरत है जो मुझे अभी तक उतना नहीं मिल रहा है, वो अगर थोड़ा और ज्यादा समय पर मिलेगा तो मैं ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई भी कर सकती हूं.’

दुती ने हालांकि कहा कि उनकी प्रदेश सरकार ओडिशा उनका भरपूर समर्थन कर रही है.

बकौल दुती, ‘मेरा यह साल अभी तक अच्छा चल रहा है. मैंने बाहर जाकर ट्रेनिंग करने की प्लानिंग की है. मैं अभी इस पर ध्यान दूंगी कि मैं यह कैसे कर सकती हूं. मुझे सरकार से कितना समर्थन चाहिए, कितना कॉरपोरेट्स से समर्थन चाहिए, मैं अभी इसके बारे में सोचूंगी. साथ ही मैं कैसा अपने आप को बेहतर कर सकती हूं. ओडिशा सरकार ने तो साफ कह दिया है कि ओलम्पिक की तैयारी करने वालों का वो पूरा साथ देगी और मैंने अपना बजट भी उनको दे दिया है. अभी बस मंजूरी मिलने का इंतजार है.’

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