नई दिल्ली: कनाडा सरकार के पास लंबित भारत के 26 प्रत्यर्पण अनुरोधों में से अधिकांश गैंगस्टर, आतंकवादी और भगोड़े हैं. इस कुख्यात लाइनअप में एक गैंगस्टर भी शामिल है जिसे लॉरेंस बिश्नोई का कट्टर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है — सिख चरमपंथी, जिसका जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे से संदिग्ध संबंध है और करोड़ों रुपये के सिंथेटिक ड्रग्स मामले का आरोपी है.
भारतीय जांच एजेंसियों के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक प्रत्यर्पण अनुरोध में कई नाम शामिल हैं.
गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रत्यर्पण अनुरोध “पिछले एक दशक या उससे अधिक समय से” भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “कनाडाई पक्ष के पास कई अनंतिम गिरफ्तारी अनुरोध भी लंबित हैं.”
रणधीर जायसवाल ने कनाडा के पांच व्यक्तियों के नाम बताए, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि उन पर भारत में “आतंकवाद और संबंधित अपराधों के आरोप हैं” — गुरजीत सिंह, गुरजिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, लखबीर सिंह लांडा और अर्शदीप सिंह गिल.
भारत जिन 26 लोगों के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है, उनमें अलगाववादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर भी शामिल है. निज्जर को 18 जून 2023 को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी. कुछ सप्ताह बाद, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यह दावा करके कूटनीतिक विवाद खड़ा कर दिया कि उनकी सरकार निज्जर की हत्या से भारतीय सरकारी एजेंटों को जोड़ने वाले “विश्वसनीय आरोपों की सक्रिय रूप से जांच कर रही है”.
कनाडा के 2019 और 2021 के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की जांच के लिए गठित एक आयोग को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि पिछले साल सितंबर में निज्जर की हत्या के बारे में जब उन्होंने पहली बार आरोप लगाया था, तब उनकी सरकार के पास केवल “खुफिया जानकारी” थी, “सबूत” नहीं थे.
निज्जर के अलावा, भारत ने गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके के प्रत्यर्पण की भी मांग की थी, जिसकी पिछले साल सितंबर में कनाडा के विन्निपेग में कथित तौर पर एक अंतर-प्रतिद्वंद्वी गिरोह युद्ध के परिणामस्वरूप हत्या कर दी गई थी.
सूत्रों के जरिए दिप्रिंट उन कुछ अन्य लोगों के बारे में बता रहा है, जिनके प्रत्यर्पण के लिए भारत ने कनाडा से अनुरोध किया है.
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गुरजीत सिंह चीमा
पंजाब के गुरदासपुर जिले के जोगी चीमा के रहने वाले गुरजीत सिंह चीमा पर 2017 में अमृतसर में दर्ज हथियार बरामदगी मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की कठोर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
उसके पास कथित तौर पर कनाडा की नागरिकता है. वो ब्रैम्पटन में रहता है और प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) से जुड़ा है. उस पर पाकिस्तान स्थित लखबीर सिंह रोडे के संपर्क में रहने का संदेह है, जो कट्टरपंथी सिख उपदेशक जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा है.
एक अदालत ने 2020 में यूएपीए के आरोपों से गुरजीत सिंह चीमा को बरी कर दिया.
गुरप्रीत सिंह
पंजाब के मोगा के रहने वाले गुरप्रीत सिंह पर भी 2017 में हथियार बरामदगी मामले में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था.
आईएसवाईएफ का कार्यकर्ता माना जाता है, वह ओंटारियो में रहता है. इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है.
एक अदालत ने 2020 में गुरप्रीत सिंह को यूएपीए के आरोपों से बरी कर दिया.
गुरजिंदर सिंह पन्नू
पंजाब के तरनतारन (नौशहर पन्नुआ) में जन्मे गुरजिंदर सिंह पन्नू पर 2017 में यूएपीए के तहत एक मामल दर्ज किया गया था.
माना जा रहा है कि वह कनाडा के हैमिल्टन में रहता है और उसके पास कनाडा की नागरिकता है. इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है.
भारतीय एजेंसियों के अनुसार, 2017 के मामले में तीनों आरोपी आतंकी फंडिंग, सिख युवकों को कट्टरपंथी बनाने और हथियारों की तस्करी में शामिल रहे हैं.
अर्शदीप सिंह गिल
अर्शदीप सिंह गिल, जिसे अर्श दल्ला के नाम से भी जाना जाता है, पर आतंकी संगठन केटीएफ का सदस्य होने का संदेह है.
भारतीय एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, दल्ला पर आतंकवाद, भारत में हमले करने और गैंगस्टर सिंडिकेट – लकी पार्शियल-बंबीहा-कौशल गठबंधन – लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट के कट्टर प्रतिद्वंद्वी के साथ घनिष्ठ संबंध रखने का आरोप है.
अर्श दल्ला के खिलाफ भारत में 20 से अधिक मामले लंबित हैं.
लखबीर सिंह संधू
भारतीय एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि तरनतारन का लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा बब्बर खालसा इंटरनेशनल का एक प्रमुख सदस्य है. उसका नाम राष्ट्रीय जांच एजेंसी की बीकेआई के लिए काम करने वाले संदिग्धों की नवीनतम सूची में शामिल है.
सूत्रों के अनुसार, लखबीर सिंह संधू 2017 में भारत से भाग गया था. गैंगस्टर से आतंकवादी बना यह व्यक्ति वर्तमान में लाहौर स्थित आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंडा के साथ काम कर रहा है. एनआईए ने कहा है कि लांडा “देश में आतंक को बढ़ावा देने के लिए विदेशी धरती से काम कर रहा है”.
परदीप सिंह धालीवाल
परदीप सिंह धालीवाल कथित तौर पर 6,000 करोड़ रुपये के ड्रग्स मामले में शामिल था, जिसे आमतौर पर “भोला ड्रग्स केस” के नाम से जाना जाता है, जिसे पंजाब पुलिस ने 2013 में सुलझाया था.
इसी मामले में वांछित अन्य लोगों में गुरसेवक सिंह ढिल्लों, निरंकार सिंह ढिल्लों, सरबजीत सिंह सैंडर, अमरजीत सिंह कूनर, अमरिंदर सिंह छीना, लेहंबर सिंह दलेह, परमिंदर सिंह देव उर्फ पिंडी, रंजीत सिंह औजला और रंजीत कौर कहलों नामक महिला शामिल हैं.
फतेहगढ़ में एफआईआर दर्ज की गई थी. भारत ने इस मामले में आरोपियों के लिए 2016-2017 में कनाडा को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा था.
जसविंदर पाल सिंह वालिया
सूत्रों के अनुसार, जसविंदर पाल सिंह वालिया बलात्कार और ब्लैकमेल मामले में वांछित है.
भारत ने 2022 में कनाडा को उसका प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा था.
इस मामले में लुधियाना के सराभा नगर पुलिस स्टेशन में बलात्कार और धोखाधड़ी तथा आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत 2016 में एफआईआर दर्ज की गई थी.
गुरचरण सिंह
गुरचरण सिंह का प्रत्यर्पण अनुरोध 2003 से कनाडा के पास लंबित है. पंजाब के फाजिल्का जिले का रहने वाला सिंह धोखाधड़ी के एक मामले में वांछित है.
ओंकार मल अग्रवाल
ओंकार मल अग्रवाल धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के एक मामले में वांछित है. इस मामले में एफआईआर 2008 में दर्ज की गई थी. इसके बाद सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली थी.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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