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Wednesday, 16 October, 2024
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वालोंग की लड़ाई के 62 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित करेगी सेना

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नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) सेना 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान लड़े गए वालोंग युद्ध के 62 वर्ष पूरे होने पर 17 अक्टूबर से एक महीने तक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित करेगी जिनमें देश के पूर्वी मोर्चे की रक्षा करने वाले नायकों को सम्मानित किया जाएगा।

सेना ने मंगलवार को बताया कि इसके अलावा, क्षेत्र में संपर्क सुविधा और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जारी प्रयासों के मद्देनजर लामा स्पर में शौर्य स्थल और सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा।

उसने कहा, ‘‘भारतीय सेना वालोंग में हमारे नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए सभी को आमंत्रित करती है। यह स्थान भारतीय सैनिकों और अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों के साहस और संकल्प के प्रमाण के रूप में इतिहास में अंकित है।’’

उसने कहा कि वालोंग की लड़ाई भारत के सैन्य इतिहास में एक मार्मिक अध्याय के रूप में अंकित है, जो भारतीय सेना की अद्वितीय बहादुरी, समर्पण और अदम्य साहस का प्रमाण है।

सेना ने कहा, ‘‘अक्टूबर 1962 में जब चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में आक्रामक तरीके से आगे बढ़ी तो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण वालोंग सेक्टर की रक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सेना की प्रतिष्ठित द्वितीय इन्फैंट्री डिवीजन की बहादुर 11वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड पर आ गई।’’

उसने कहा कि इस ब्रिगेड में युद्ध-प्रशिक्षित 6 कुमाऊं, 4 सिख और 3/3 गोरखा राइफल्स इकाइयां शामिल थीं, जिन्हें एक ऐसे प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ डटे रहने का काम सौंपा गया था, जो न केवल संख्या के लिहाज से अधिक मजबूत था बल्कि बेहतर तरीके से हथियारों से लैस और लाभप्रद स्थानों पर था।

इन्फैंट्री ब्रिगेड बहादुरी से डटी रही और उसने चीनी सेना को लंबे समय तक आगे बढ़ने से रोके रखा, जिससे राष्ट्र का मनोबल बढ़ा और भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस का प्रदर्शन हुआ।

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक ऐसी लड़ाई थी जिसने कर्तव्य, सम्मान और बलिदान की भावना का प्रदर्शन किया और एक ऐसी विरासत छोड़ी जो आज भी भारतीय सेना को प्रेरित करती है।

उन्होंने कहा कि यह स्मरणोत्सव 17 अक्टूबर से शुरू होगा और 14 नवंबर तक मनाया जाएगा जिसमें अदम्य साहस, बलिदान और बहादुरी के लिए देश के पूर्वी मोर्चे की रक्षा करने वाले नायकों का सम्मान किया जाएगा।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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