मुंबई, 15 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि राज्य विधान परिषद की 12 रिक्त सीटों के लिए सात विधान पार्षदों (एमएलसी) की नियुक्ति में कोई बाधा नहीं है।
महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ को बताया कि अदालत की ओर से कोई स्थगन आदेश या निषेधाज्ञा नहीं जारी की गई है, न ही सरकार की ओर से कोई आश्वासन दिया गया है कि नियुक्ति नहीं की जाएगी।
सराफ ने यह दलील तब दी, जब पूर्व नगर निगम पार्षद और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पदाधिकारी सुनील मोदी की ओर से पेश वकील हर्षद श्रीकंधे ने खंडपीठ को बताया कि सात विधान पार्षदों की नियुक्ति की जा रही है, जबकि 2020 में तत्कालीन एमवीए (महा विकास आघाडी) सरकार द्वारा राज्यपाल को भेजी गई 12 एमएलसी प्रत्याशियों की सूची को वापस लेने के खिलाफ दायर उनकी याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा गया है।
श्रीकंधे ने खंडपीठ को बताया कि याचिकाकर्ता सिर्फ सात एमएलसी की नियुक्ति के घटनाक्रम को उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाना चाहता है।
खंडपीठ ने पूछा कि क्या सात मनोनीत सदस्यों में वापस ली गई सूची में शामिल 12 मनोनीत सदस्यों में से भी किसी का नाम है।
इस पर सराफ ने ‘न’ में जवाब दिया और कहा, “नियुक्ति पर कोई स्थगन आदेश या निषेधाज्ञा जारी नहीं की गई है और न ही यह आश्वासन दिया गया है कि नियुक्ति नहीं की जाएगी।”
उच्च न्यायालय ने सात अक्टूबर को मोदी की जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मोदी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसके तहत 12 मनोनीत सीटों के लिए उद्धव ठाकरे नीत पिछली सरकार द्वारा की गई सिफारिशों को वापस लेने का फैसला किया गया था।
महाराष्ट्र में 2022 में सरकार बदलने और शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद नये मंत्रिमंडल ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि वह पिछली सरकार की ओर से सौंपी गई 12 नामों की लंबित सूची को वापस ले रहा है। पांच सितंबर 2022 को राज्यपाल ने मंत्रिमंडल के फैसले को स्वीकार कर लिया और सूची मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को वापस कर दी गई।
सात एमएलसी सीट में से सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तीन और शिवसेना तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को दो-दो सीटें मिली हैं।
भाजपा की ओर से नव मनोनीत सदस्यों में राज्य महिला इकाई की प्रमुख चित्रा वाघ, प्रदेश महासचिव विक्रांत पाटिल और बंजारा समुदाय के आध्यात्मिक नेता बाबूसिंह महाराज राठौड़ शामिल हैं।
राकांपा ने पूर्व विधायक पंकज भुजबल और पश्चिमी महाराष्ट्र के लोकप्रिय अल्पसंख्यक चेहरे इदरीस नाइकवाड़ी को, जबकि शिवसेना ने पूर्व एमएलसी मनीषा कायंदे और पूर्व लोकसभा सदस्य हेमंत पाटिल को मनोनीत किया है।
भाषा पारुल नरेश
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