नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन ने पदक रहित ओलंपिक अभियान पर बात करते हुए स्वीकार किया कि वो दिन उनका नहीं था लेकिन उन्होंने कहा कि वह एक निजी कोच की मदद से और मजबूत होकर वापसी करेंगी।
उन्होंने कहा कि वह निजी कोच खोजने की कोशिश कर रही हैं।
निकहत पेरिस ओलंपिक में मजबूत पदक दावेदार थीं लेकिन शीर्ष वरीय और मौजूदा एशियाई खेलों की चैंपियन चीन की वू यू से हारने के बाद 50 किग्रा से बाहर हो गईं।
निकहत ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘ कोई भी व्यक्ति ‘परफेक्ट’ नहीं होता, यह मेरा दिन नहीं था। मुझे वरीयता नहीं मिली थी और मुझे शुरुआती दौर में बहुत अच्छी मुक्केबाज का सामना करना पड़ा। सबसे दुखद बात यह थी कि जिन मुक्केबाजों को मैंने पहले ही हरा दिया था, उन्होंने पदक जीते, यह दिल तोड़ने वाला था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमें वास्तविकता को स्वीकार करना होगा और आगे बढ़ते रहना होगा। मैं कुछ भी योजना नहीं बनाना चाहती और प्रवाह के साथ चलना चाहती हूं। मेरे पास कोई निजी कोच नहीं था। ’’
दो बार की विश्व चैंपियन निकहत ने कहा कि वह एक निजी कोच की तलाश कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ट्रेनिंग के लिए एक निजी कोच चाहती हूं। मैं कुछ समय के लिए इंस्पायर इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग ले रही थी। मैं एक अच्छा कोच खोजने की कोशिश कर रही हूं जो मुझे एक बेहतर मुक्केबाज बनने में मदद कर सके। एक बार जब मुझे कोई मिल जाएगा तो मैं आपको बताऊंगी। ’’
निकहत ने कहा, ‘‘मैं विदेश में ट्रेनिंग लेना चाहती हूं क्योंकि बदलाव हमेशा अच्छा होता है। आखिरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर बेहतर अभ्यास के मौके मिलते हैं। ’’
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