तिरुवनंतपुरम, सात अक्टूबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि देश के सभी क्षेत्रों में श्रम कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा कि देश में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र सहित कुछ क्षेत्रों में कर्मचारियों पर लगातार काम करने का दबाव बनाया जाता है, उन्हें बर्खास्त किए जाने की धमकियां दी जाती हैं और उन्हें श्रम अधिकारों से वंचित रखा जाता है।
मुख्यमंत्री ने हाल में 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) अन्ना सेबेस्टियन की मृत्यु के संबंध में सदन में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में ये बातें कहीं। सेबेस्टियन की पुणे में अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) में शामिल होने के चार महीने बाद कथित तौर पर काम से संबंधित तनाव के कारण मृत्यु हो गई थी।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि देश के सभी क्षेत्रों में श्रम कानूनों का सख्ती से पालन किया जाए।
विजयन ने कहा कि राज्य के ‘आईटी पार्क’ में काम करने वाली कंपनियों के साथ हस्ताक्षरित पट्टा समझौते में यह शर्त रखी गई है कि राज्य के सभी श्रम कानूनों का पालन होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर इन शर्तों का पालन नहीं किया जाता है तो कर्मचारी मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की मांग कर सकते हैं।’’
कोविड-19 महामारी के बाद की अवधि में अधिकतर कंपनियों ने घर से काम करने की व्यवस्था शुरू की है, लेकिन मौजूदा श्रम कानूनों में इसकी समय-सीमा का उल्लेख नहीं है।
विजयन ने यह भी कहा कि प्रस्ताव में उठाई गई चिंताओं को केंद्र सरकार के ध्यान में लाया जाएगा।
सेबेस्टियन की मौत के बाद उनकी मां ने ‘ईवाई इंडिया’ के अध्यक्ष राजीव मेमानी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि काम के बोझ और काम के बढ़े हुए घंटे उनकी बेटी पर भारी पड़ गए।
हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया।
वर्ष 2023 में सीए की परीक्षा पास करने वाली युवती की जुलाई में मौत हो गई।
भाषा सुरभि नरेश
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