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Friday, 4 October, 2024
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चीन सैन्य उपकरणों की प्रौद्योगिकी और उत्पादन दर में भारत से आगे : वायुसेना प्रमुख

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(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा)वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वायुसेना का लक्ष्य स्वदेशीकरण कार्यक्रम के तहत 2047 तक अपनी सभी आवश्यकताओं से जुड़े उत्पादन भारत में करना है।

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को आपूर्ति में देरी को पाटने के अपने वादे के अनुसार सालाना 24 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों का उत्पादन करना चाहिए।

भारतीय वायुसेना दिवस आठ अक्टूबर से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारत को प्रौद्योगिकी और सैन्य उपकरणों के उत्पादन की गति के मामले में चीन के बराबर पहुंचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम अपने पड़ोसी से ‘बहुत पीछे हैं’।

वायुसेना प्रमुख सिंह ने साथ ही कहा कि भारतीय सेना विभिन्न आयुध प्रणालियों और रक्षा मशीनों को संचालित करने वाले कर्मियों सहित कार्मिकों के मामले में बहुत आगे है।

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख गतिरोध में जारी गतिरोध पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि स्थिति वैसी ही है जैसी पिछले एक साल से थी, लेकिन इस दौरान बुनियादी ढांचे का विकास बहुत तेजी से हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके अनुरूप प्रयास कर रहे हैं। हम अपने हवाई पट्टियों का उन्नयन कर रहे हैं। नयी हवाई पट्टी बन रही हैं।’’

वायुसेना प्रमुख ने हथियारों और अन्य प्रणालियों में भारत के आत्मनिर्भर बनने के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि भविष्य की रक्षा चुनौतियों का सामना करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर भारतीय वायुसेना के पास एक दृष्टिकोण है। 2047 तक हमारा सभी सामान या तो भारत में उत्पादित होगा या फिर भारत में ही विकसित और उत्पादित होगा।’’

एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘‘संघर्ष की स्थिति में जब एक दिन में 200 से 300 मिसाइलें दागी जाती हैं, तो आपको उनका निर्माण भारत में ही करना होगा। आप उन्हें बाहर से खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते।’’

कुछ दिन पहले ईरान द्वारा इजराइल पर 200 से अधिक मिसाइलें दागने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह टिप्पणी की।

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जारी युद्धों के कारण भारतीय वायुसेना को आपूर्ति श्रृंखला टूटने की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘हमारे पास ऐसे उपकरण हैं जो इन क्षेत्रों से आते हैं। इसलिए उन उपकरणों का रखरखाव एक चुनौती है।’’

वायुसेना प्रमुख ने तेजस कार्यक्रम पर कहा कि एचएएल को वादे के अनुसार 24 विमान बनाने होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘एचएएल को प्रति वर्ष 24 विमान बनाने का वादा निभाना होगा। अगर यह वादा निभाया जाता है, तो मुझे लगता है कि देरी को पाटा जा सकेगा।’’

भारतीय वायुसेना ने एचएएल को 83 तेजस मार्क-1ए विमानों का ऑर्डर दिया है। इनकी आपूर्ति मार्च में शुरू होनी थी लेकिन अभी तक एक भी विमान की आपूर्ति नहीं हुई है।

एक सवाल के जवाब में एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि रूस ने एस-400 मिसाइल प्रणाली की तीन इकाइयां प्राप्त हो गई हैं और उसने अगले वर्ष तक शेष दो इकाइयों की आपूर्ति करने का वादा किया है।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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