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Friday, 22 November, 2024
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बीएचयू की दलित छात्रा ने लगाया आरोप, गार्ड ने शौचालय जाने से रोका, मामले ने पकड़ा तूल

चीफ प्रॉक्टर का मानना है कि छात्रा पुरुषों का शौचालय प्रयोग करने जा रही थी, जिसके लिए उसको रोका गया था. प्रॉक्टर ने आज शाम दोनों पक्षों को बुलाया गया है.

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नई दिल्ली: बीएचयू के आर्ट्स फैक्लटी की एक दलित रिसर्च स्कॉलर ने बुधवार को महिला महाविद्यालय स्थित शौचालय में जाने से रोकने का आरोप तूल पकड़ता जा रहा है. छात्रा ने एक पत्र लिखकर कुलपति से शिकायत की है. मामले को तूल पकड़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए घटना की जांच शुरू करा दी है. हालांकि चीफ प्रॉक्टर का मानना है कि छात्रा पुरुषों का शौचालय प्रयोग करने जा रही थी, जिसके लिए उसको रोका गया था. आज शाम दोनों पक्षों को बुलाया गया है जिसके बाद बात सामने आएगी कि क्या हुआ था.

विश्वविद्यालय में पिछले कुछ दिनों से काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है. बाहर से आने वाले छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए काउंसलिंग केंद्र के बाहर विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से हेल्प डेस्क लगाए गए हैं.

रिसर्च स्कॉलर ने दिप्रिंट को बताया, ‘मैं विश्वविद्यालय में एससी-एसटी डेस्क इंचार्ज होने से विगत पांच दिनों से विगत पांच दिनों से नए प्रवेशी छात्रों के लिए सहयोग कर रही थी. इसी कड़ी में गुरुवार को करीब 12 बजे जब मैंने एमएमवी जाकर शौचालय प्रयोग करना चाहा तो वहां खड़े गार्ड ने मुझे अंदर जाने से रोक दिया. गॉर्ड ने कहा कि आप शौचालय के लिए सामने सर सुंदरलाल अस्पताल या फिर विश्वविद्यालय के अंदर चले जाए. जिसके बाद मैंने इसकी लिखित शिकायत विश्वविद्यालय के कुलपति से की है.’

बीएचयू की छात्रा ने लिखा पत्र

एमएमवी गेट के पास हेल्प डेस्क पर छात्रों की मदद कर रही छात्रा ने आरोप लगाया है कि गार्ड ने उसे दलित होने के कारण शौचालय जाने से रोक दिया. छात्रा ने बताया कि किसी भी महिला को निकटतम शौचालय में जाने से रोकना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि गैर कानूनी भी है. इसके अलावा किसी छात्र को विश्वविद्यालय की मूलभूत सुविधाओं से वंचित करना पूर्णत: अमानवीय है. तरह से रोका जाना दलित छात्रा ने गार्ड के खिलाफ अनुशासनात्मक व दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना की जांच शुरू की

छात्रा के लगाए आरोपों के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो. ओपी राय ने कहा, ‘एमएमवी के मुख्य द्वार के पास गॉर्ड ड्यूटी रूम है. यहां पुरुष गार्ड गेट की रखवाली करते हैं. छात्रा को पुरूष शौचालय में न जाकर कालेज के भीतर बने शौचालय अथवा अस्पताल परिसर में जाने की सलाह दी गई थी. लेकिन इसी बीच उनकी आपस में बहस हो गई. छात्रा का बहस होने के बाद उसे अंदर जाकर शौचालय करने दिया गया.

ओपी राय ने बताया कि अभी हम इसपर अधिक जानकारी नहीं दे सकते. हमने इस मामले की जांच के लिए शुक्रवार को दोनों पक्षों को बुलाया है. तभी सारी चीजें स्पष्ट हो पाएंगी.

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