श्रीनगर, दो अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने बुधवार को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन केंद्र शासित प्रदेश में सरकार गठन के लिए समान विचारधारा वाले दलों का समर्थन लेने के लिए तैयार है।
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के एक दिन बाद कर्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम देख सकते हैं कि लोगों ने गठबंधन के पक्ष में या भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए मतदान किया है, जो अच्छी बात है।’’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ी तो हमारे दरवाजे सभी समान विचारधारा वाले लोगों, ताकतों, पार्टियों और लोगों के लिए खुले हैं। हम अपने गठबंधन सहयोगी के साथ इस पर चर्चा कर सकते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर हम ऐसे लोगों से बात कर सकें।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को ‘‘समान विचारधारा वाली पार्टी’’ मानते हैं, कर्रा ने कहा कि वह किसी को योग्य नहीं ठहराना चाहेंगे। कर्रा ने कहा, ‘‘मैंने कहा कि समान विचारधारा वाली पार्टी, जो भाजपा की दमनकारी नीतियों के खिलाफ हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि उपराज्यपाल द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पांच विधायकों को नामित करने की प्रक्रिया के पीछे ‘‘एक नापाक साजिश’’ है। यह पूछे जाने पर कि क्या आठ अक्टूबर को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार ‘‘महत्वपूर्ण भूमिका’’ में होंगे, कर्रा ने कहा कि वह निर्दलीय उम्मीदवारों को खेल ‘‘बिगाड़ने वाले’’ के रूप में देखते हैं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जब केंद्र को एहसास हुआ कि उसके सभी प्रयोग और फॉर्मूले विफल हो गए हैं, तो ‘‘उन्होंने यहां निर्दलीय उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर मतों को विभाजित करने का एक नया तरीका अपनाया।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘उनका (केंद्र का) एकमात्र उद्देश्य कश्मीरियों को शक्तिहीन करना है।’’
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के अन्य लोगों को दिल्ली में हिरासत लिए जाने पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा भारत में बनाया गया मौजूदा माहौल किसी भी सही सोच वाली आवाज को उभरने नहीं दे रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा में विश्वास नहीं करता है तो ‘‘सरकार ने उसके लिए जेल की व्यवस्था कर रखी है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र या धर्म का हो।
भाषा आशीष अविनाश
अविनाश
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