नई दिल्लीः डीएमके सांसद कनिमोझी ने गुरुवार को केंद्र पर सरकारी योजनाओं का नाम केवल हिंदी में करने का आरोप लगाया. लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘इस सरकार ने फैसला किया है कि हर कार्यक्रम का नाम हिंदी में होगा. मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि मेरे जिले का एक ग्रामीण इसे कैसे समझ सकता है? मैंने थूथुकुडी में बिना अनुवाद के पीएम सड़क योजना के साइनबोर्ड देखे है. मैं इसे समझ नहीं पाती.’ उन्होंने कॉर्पोरेशन और रेलवे के निजीकरण के खिलाफ भी बात की.
Kanimozhi,DMK in Lok Sabha:This govt has taken up that every program will be only named in Hindi.I would like to ask you how will a villager in my district understand what it is? I've seen signboards in Thoothukudi saying PM Sadak Yojana,with no translation. I don't understand it pic.twitter.com/UDXNx6F8pa
— ANI (@ANI) July 11, 2019
उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार को बताना चाहूंगी कि भारतीय रेलवे या सलेम स्टील प्लांट के कॉर्पोरेटाइजेशन या निजीकरण के किसी भी प्रयास का तमिलनाडु की जनता, डीएमके और मेरे नेता एमके स्टालिन द्वारा विरोध किया जाएगा.’
मैनुअल स्कैवेंजिंग के मुद्दे पर, कनिमोझी ने कहा, ‘अगर हमारे पास बुलेट ट्रेन है, तो यह महत्वपूर्ण नहीं, हमें जो शर्म आती है वह यह है कि रेलवे अभी भी मैनुअल स्केवेंजर्स को नियुक्त करता है. रेलवे ने कहा कि वह सीधे मैनुअल स्केवेंजर्स को नियुक्त नहीं करता है. लेकिन यह ठेके के श्रमिकों से कराया गया है. इसे जारी रखना राष्ट्र के लिए शर्मनाक है.’
बता दें की डीएमके का जन्म ही तमिलनाडु हिंदी विरोध के मुद्दे पर हुआ है. वह इससे जुड़ा मुद्दा हमेशा लपकने की कोशिश करती है. हाल में त्रिभाषा के मुद्दे पर भी पार्टी ने राज्य पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया था और इसका विरोध किया था.