मलप्पुरम (केरल), 30 सितंबर (भाषा) केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के असंतुष्ट विधायक पी. वी. अनवर ने राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पर फिर से निशाना साधा है और अपने द्वारा लगाए आरोपों के संबंध में उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग की है।
अनवर ने रविवार को नीलांबुर में एक बैठक के दौरान विजयन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) एम. आर. अजीत कुमार और माकपा के एक जिला सचिव पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि अजीत कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के कारण उन्हें एलडीएफ से बाहर कर दिया गया है।
अनवर ने इससे पहले विजयन को सोने की तस्करी के लगभग 180 मामलों की फिर से जांच करने का आदेश देने की चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस विदेश से अवैध रूप से लाई गई कीमती धातु को जब्त करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है।
नीलांबुर से विधायक ने बैठक ऐसे वक्त में बुलाई है जब माकपा ने हाल में कहा था कि उसने विधायक के साथ संबंध तोड़ लिए हैं और उसने उन पर ‘‘दक्षिणपंथ की राजनीतिक धुरी’’ बनने का आरोप लगाया था।
अनवर ने कहा कि पार्टी को उसकी विफलताओं पर आत्मनिरीक्षण करने के लिए कहने के कारण उन्हें सांप्रदायिक करार दिया जा रहा है।
अनवर ने कहा, ‘‘आजकल जब कोई व्यक्ति एक मुद्दा उठाता है, तो मुद्दे पर गौर करने के बजाय, उस व्यक्ति के धर्म पर चर्चा की जाती है। मुझे सांप्रदायिक करार देने के लिए निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि भविष्य में उनके किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने या कोई नयी पार्टी बनाने के बारे में निर्णय लोगों के बीच सर्वेक्षण करने के बाद लिया जाएगा।
अनवर ने दावा किया कि उन्हें माकपा से अजीत कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहने के कारण एलडीएफ से बाहर कर दिया गया। अनवर ने अजीत कुमार के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा की वटकरा सीट से लोकसभा चुनाव में हार पर प्रकाश डालते हुए विधायक ने दावा किया कि माकपा संसदीय चुनावों में अपनी कमियों को दूर करने में विफल रही है।
उन्होंने 2018 के सबरीमला मुद्दे पर एलडीएफ सरकार के रुख को लेकर भी उसकी आलोचना की, जो सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले से उपजा था।
आदेश को लागू करने के केरल सरकार के निर्णय का उल्लेख करते हुए अनवर ने दावा किया कि उन्होंने वामपंथी पार्टी को इस दिशा में आगे नहीं बढ़ने की सलाह दी थी।
अनवर ने यह भी आरोप लगाया कि विजयन उन्हें ‘फोन टैप’ मामले में राज्यपाल के पत्र के माध्यम से धमका रहे हैं।
अनवर के खिलाफ रविवार को राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के फोन कॉल को अवैध रूप से टैप करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि माकपा की सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) भी अजीत कुमार को हटाने की मांग कर रही है।
भाषा सुरभि सिम्मी
सिम्मी
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