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Saturday, 28 September, 2024
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जम्मू-कश्मीर: लाल सिंह कर रहे कांग्रेस के लिए दोबारा सीट हासिल करने की कठिन चुनौती का सामना

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बसोहली, 28 सितंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बसोहली विधानसभा क्षेत्र पर सभी की निगाहें हैं जहां तीन बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके चौधरी लाल सिंह को चौथी बार अपने पारंपरिक गढ़ को फिर से हासिल करने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जिले में छह विधानसभा क्षेत्र हैं जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच स्पष्ट लड़ाई नजर आती है।

अपनी अनूठी ‘बसोहली पेंटिंग’ के लिए प्रसिद्ध और रावी नदी के किनारे स्थित बसोहली ने सिंह और उनकी पत्नी कांता अंडोत्रा ​​को नौ चुनावों में से चार बार जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भेजा है, जबकि यहां से कांग्रेस ने कुल मिलाकर सात बार जीत हासिल की है।

हालांकि सिंह का भाजपा के दर्शन कुमार, पीडीपी के योगिंदर सिंह और बसपा के पंकज कुमार के साथ चतुष्कोणीय मुकाबला है, लेकिन असली लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच होने की उम्मीद है।

राजनीतिक विशेषज्ञ विकास कुमार ने कहा, ‘‘यहां सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। लाल सिंह के लिए 20 साल बाद यह सीट कांग्रेस के खाते में वापस लाना कड़ी चुनौती है। भाजपा के लिए इस सीट पर हैट्रिक लगाने की परीक्षा है।’’

लाल सिंह 2014, 2019 और 2024 में लगातार तीन लोकसभा चुनाव केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से हार चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने बसोहली खंड में 14,000 मतों की बढ़त हासिल की थी जिससे लाल सिंह को सीट बरकरार रखने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा। सिंह ने 2014 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की थी।

कुमार ने कहा, ‘‘यह सिंह के लिए एक कठिन मुकाबला है, खासकर राजपूत समुदाय के दो अन्य प्रतिद्वंद्वियों की मौजूदगी में। राजपूतों की आबादी यहां 60 प्रतिशत है।’’

लाल सिंह ने अपना राजनीतिक करियर एक छात्र नेता के रूप में शुरू किया और 1996 में पहली बार बसोहली से विधायक चुने गए। वह 2002 में फिर से चुने गए और कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन सरकार में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बने। बाद में, उन्होंने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में उधमपुर सीट जीती।

जम्मू विश्वविद्यालय से कला स्नातक लाल सिंह कठुआ बलात्कार मामले में 2018 में भाजपा छोड़ने के बाद इस साल मार्च में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए।

वर्ष 2018 में भाजपा से अलग होने के बाद, उन्होंने महाराजा हरि सिंह की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश और जम्मू के वास्ते एक अलग राज्य की वकालत करते हुए ‘‘डोगरा गौरव’’ के लिए एक आंदोलन चलाया।

उन्हें धनशोधन मामले का भी सामना करना पड़ा और उन्हें कुछ समय के लिए गिरफ्तार कर लिया गया।

निर्वाचन क्षेत्र के सुदूर पहाड़ी इलाकों में घर-घर जाकर प्रचार कर रहे लाल सिंह ने कहा, ‘‘लोग उपराज्यपाल प्रशासन और भाजपा सरकार से निराश हैं। वे भाजपा की तानाशाही और क्रूर शासन का अंत चाहते हैं। वे पूरे जम्मू से भाजपा को बाहर कर देंगे और कांग्रेस को विजयी बनाएंगे। मैं यह सीट जीतूंगा और जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार बनाने में कांग्रेस की मदद करूंगा।’’

पीडीपी और बसपा ने भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस के 66 वर्षीय लाल सिंह और भाजपा के 48 वर्षीय कारोबारी दर्शन कुमार के बीच है।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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