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Thursday, 26 September, 2024
होमदेशअसम समझौते पर हिमंत का कदम 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए ‘राजनीतिक हथकंडा’ है: रिपुन बोरा

असम समझौते पर हिमंत का कदम 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए ‘राजनीतिक हथकंडा’ है: रिपुन बोरा

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गुवाहाटी, 26 सितंबर (भाषा) कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने असम समझौते के क्रियान्वयन के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के कदम को ‘‘राजनीतिक हथकंडा’’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने 2026 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह मुद्दा उठाया है।

पूर्व सांसद बोरा ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार असम समझौते पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार शर्मा समिति की कई सिफारिशों को लागू करने का दावा कर रही है, लेकिन रिपोर्ट केंद्र को नहीं भेजी गई है, जिसने समिति का गठन किया था।

बोरा ने सवाल किया, ‘‘कांग्रेस ने असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और हम इसके कार्यान्वयन का समर्थन करते हैं। हम इस पहल की सराहना करते हैं, लेकिन यह आधा-अधूरा और बहुत देर से उठाया गया कदम है। (केंद्रीय मंत्री) अमित शाह ने संसद में कहा था कि सभी सिफारिशों को अक्षरशः लागू किया जाएगा। उसका क्या हुआ?’’

असम सरकार और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (एएएसयू) ने बुधवार को मूल आबादी के हितों की रक्षा के लिए असम समझौते के खंड छह पर न्यायमूर्ति शर्मा समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन को लेकर चर्चा की।

बोरा ने दावा किया, ‘‘केंद्र द्वारा 12 सिफारिशें लागू की जानी हैं, जबकि 14 समवर्ती सूची का हिस्सा हैं और इन्हें संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाएगा। हालांकि, इन्हें केंद्र को भी नहीं भेजा गया है।’’

उन्होंने कहा कि हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार केवल राज्य के दायरे में आने वाले सुझावों के बारे में बात कर रही है। बोरा ने कहा, ‘‘इसलिए हमें उनकी और भाजपा नीत सरकार की सिफारिशों को लागू करने की मंशा पर संदेह है। हमारा मानना ​​है कि यह 2026 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए एक चुनावी हथकंडा है।’’

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम समझौते के खंड छह के त्वरित कार्यान्वयन के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार शर्मा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) का गठन किया था।

समिति ने 25 फरवरी 2020 को असम समझौते के कार्यान्वयन पर अपनी रिपोर्ट तत्कालीन मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपने के लिए प्रदान की थी।

अक्टूबर 2021 में, असम सरकार ने 39 साल पुराने असम समझौते के सभी खंडों, विशेष रूप से न्यायमूर्ति बिप्लब कुमार शर्मा समिति द्वारा तैयार खंड-छह रिपोर्ट के कार्यान्वयन के लिए तीन महीने के भीतर एक रूपरेखा तैयार करने को लेकर आठ सदस्यीय समिति का गठन किया था। इसने अभी तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।

मुख्यमंत्री ने चार सितंबर को कहा कि असम मंत्रिमंडल ने असम समझौते के खंड छह पर न्यायमूर्ति बिप्लब कुमार शर्मा समिति द्वारा दी गई 67 सिफारिशों में से 57 को लागू करने का फैसला किया है।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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