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Monday, 23 September, 2024
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गोवा सरकार ने शारीरिक दंड को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने का शिक्षण संस्थानों को आदेश दिया

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पणजी, 23 सितंबर (भाषा) गोवा सरकार ने सोमवार को एक परिपत्र जारी कर सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को ‘‘शारीरिक दंड देने को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति’’ अपनाने का आदेश दिया।

यह परिपत्र उत्तर गोवा में दो शिक्षकों को कक्षा में पाठ्यपुस्तक का पन्ना फाड़ने के लिए नौ वर्षीय छात्र की पिटाई के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कुछ सप्ताह बाद आया है।

शिक्षा निदेशक शैलेश जिंगडे ने एक परिपत्र में कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों को शारीरिक दंड देने को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनानी चाहिए और उसे लागू करना चाहिए, तथा इसके उल्लंघन के किसी भी मामले से तुरंत निपटना चाहिए।

जिंगडे ने कहा कि मौजूदा नियमों के बावजूद स्कूलों में शारीरिक दंड देने के कई मामले सामने आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि यह छात्रों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करता है और प्रभावित बच्चों के सीखने और विकास में बाधा डालता है।’’

निदेशक ने कहा कि शिक्षा विभाग ने दोहराया है कि आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 17 शारीरिक दंड पर पूर्ण प्रतिबंध लगाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अधिनियम बच्चों को शारीरिक दंड और मानसिक उत्पीड़न देने पर रोक लगाता है तथा दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान करता है।’’

भाषा शफीक अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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