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Monday, 23 September, 2024
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‘तुच्छ विषयों’ पर रिपोर्ट मांगने के लिए राज्यपाल के पत्र लिखने पर गौर कर रही सरकार : सिद्धरमैया

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बेंगलुरु, 23 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल थावरचंद गहलोत ‘तुच्छ विषयों’ पर रिपोर्ट मांगने के लिए पत्र लिख रहे हैं और राज्य सरकार इसकी जांच कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कथित आर्कावती लेआउट घोटाले पर न्यायमूर्ति एच एस केम्पन्ना आयोग की रिपोर्ट के संबंध में पूर्ववर्ती सरकार की कथित निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए भाजपा पर पलटवार किया तथा कहा कि उनकी सरकार इस संबंध में विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के बाद रिपोर्ट पर निर्णय लेगी।

राज्यपाल ने मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को पत्र लिखकर कथित अर्कावती लेआउट घोटाले में केम्पन्ना आयोग की रिपोर्ट की एक प्रति और अन्य संबंधित जानकारी मांगी है। इस कथित घोटाले में सिद्धरमैया के पिछले कार्यकाल के दौरान भूमि को गैर-अधिसूचित करने का आरोप है।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अर्कावती लेआउट मामले के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे नहीं पता, मैं इसे देखूंगा। भाजपा चार साल तक सत्ता में रही। उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? वे सत्ता में थे, उन्होंने इसे (रिपोर्ट को) विधानसभा में क्यों नहीं पेश किया? अब सी. टी. रवि (भाजपा विधान पार्षद) ने (राज्यपाल को) एक पत्र लिखा है। वह (भाजपा सरकार में) मंत्री थे। उन्होंने तब ऐसा क्यों नहीं किया?’’

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘क्या आप जानते हैं कि अब क्या हुआ है? इस पर केशवनारायण की अध्यक्षता वाली एक समिति (गठित) थी, इन सभी चीजों पर गौर करने की जरूरत है। इस पर गौर करने के बाद हम फैसला लेंगे।’’

सी. टी. रवि ने हाल ही में राज्यपाल को पत्र लिखकर सिद्धरमैया से न्यायमूर्ति केम्पन्ना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने को कहा था।

न्यायमूर्ति केम्पन्ना आयोग का गठन 2014 में बतौर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के पहले कार्यकाल के दौरान किया गया था। आयोग की रिपोर्ट 2017 में प्रस्तुत की गई थी, उस समय भी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ही थे, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार राज्यपाल के खिलाफ राष्ट्रपति से शिकायत करने पर विचार कर रही है, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नहीं, हम जांच कर रहे हैं। राज्यपाल (छोटे मामलों पर रिपोर्ट मांगने के लिए) पत्र लिख रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने शिकायत की है। मैं आपको बता रहा हूं, मैसूरु के किसी व्यक्ति ने शिकायत की कि मैं हमेशा कन्नड़ में हस्ताक्षर करता था, लेकिन (कुछ दस्तावेज़ों में) मैंने अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए हैं, इसलिए कृपया इसकी जांच करें। क्या यह कोई मुद्दा है? मैं अंग्रेजी या कन्नड़ में हस्ताक्षर कर सकता हूं। कोई भी व्यक्ति जिस भाषा में चाहे हस्ताक्षर कर सकता है।’’

भाषा अविनाश नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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