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Sunday, 22 September, 2024
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तानिया सचदेव ने कहा, हमें खिताब जीतना ही था

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बुडापेस्ट, 22 सितंबर (भाषा) भारतीय महिला टीम की सीनियर खिलाड़ी तानिया सचदेव ने रविवार को 45वें शतरंज ओलंपियाड में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा कि उन्हें खिताब हासिल करना ही था।

तानिया सचदेव, हरिका द्रोणावल्ली, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल की भारतीय टीम ने कोच अभिजीत कुंटे के साथ मिलकर अंतिम दौर में अजरबेजान को 3.5-0.5 से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया।

सचदेव ने ‘चेस डॉट कॉम’ से कहा, ‘‘मैं अभी बहुत अभिभूत हूं। हमने ओपन वर्ग और महिला वर्ग में जो कुछ भी किया है, मुझे अपनी टीम पर बहुत गर्व है। जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे लगता है कि यही वह क्षण था जिसके लिए हम बने थे।’’

भारतीय महिलाओं ने 2022 चरण में कांस्य पदक जीता था।

ग्रैंडमास्टर वैशाली ने कहा, ‘‘मुझे अब भी पिछला साल याद है, हम आखिरी दौर में हार गए थे। मैं कल रात उन चीजों के बारे में सोचकर सो नहीं पाई थी लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि हम एकजुट होकर खेले। ’’

फिडे इंटरनेशनल मास्टर और जीएम सचदेव ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पिछली बार बहुत मुश्किल रहा था। मैं अब बहुत खुश हूं।’’

जीएम हरिका ने कहा कि वह आखिरकार 20 साल बाद अपने सपने को पूरा करने में सफल रहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं 20 साल पहले 13 साल की उम्र में ओलंपियाड में पदक जीतने के सपने के साथ आई थी और आखिरकार आज यह पूरा हुआ। ’’

हरिका ने कहा, ‘‘इस टूर्नामेंट के दौरान मेरे लिए यह उतार-चढ़ाव भरा सफर रहा और मुझे खुशी है कि लड़कियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। आखिरकार हम सभी एक टीम के रूप में आगे आए और हमने आखिरी गेम जीता। ’’

दिव्या देशमुख ने कहा कि टीम अपनी जीत के बाद लंच के लिए जाएगी जबकि आईएम और जीएम वंतिका अग्रवाल ने जीत हासिल करने पर राहत जताई।

भाषा नमिता पंत

पंत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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