scorecardresearch
Sunday, 22 September, 2024
होमदेशअर्थजगतभारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी : डेलॉयट

भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी : डेलॉयट

Text Size:

नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) डेलॉयट दक्षिण एशिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोमल शेट्टी ने कहा है कि भारत निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच एक चमकता स्थान बना हुआ है। उन्होंने कहा कि देश विपरीत परिस्थितियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष (2024-25) में सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है।

भारत में ‘बिग फोर’ अकाउंटिंग और परामर्श कंपनियों के सबसे युवा सीईओ शेट्टी ने कहा कि मुद्रास्फीति काफी हद तक नियंत्रण में है, ग्रामीण मांग में वृद्धि हुई है और वाहनों की बिक्री में सुधार हो रहा है।

उन्होंने कहा, “हमारा मानना ​​है कि हम वृद्धि के मामले में (चालू वित्त वर्ष में) 7-7.1 प्रतिशत के दायरे में रहेंगे। आपके सामने कई प्रतिकूल परिस्थितियां हैं, कई अनुकूल परिस्थितियां हैं… लेकिन तथ्य यह है कि वैश्विक स्तर पर जो कुछ भी हो रहा है, उसके बावजूद भारत अब भी बेहतर स्थिति में है, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि हम दुनिया से अलग हैं।”

उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया और यूक्रेन में भू-राजनीतिक संकट तथा पश्चिमी दुनिया में मंदी का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि पर असर पड़ेगा।

डेलॉयट के अनुमानों के अनुसार, अगले वित्त वर्ष (2025-26) में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की संभावना है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।

शेट्टी ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नरेन्द्र मोदी सरकार 3.0 निजीकरण सहित आर्थिक सुधारों को उसी गति से जारी रखेगी और सरकारी विभागों के भीतर काम पूरा करने के लिए जबर्दस्त प्रयास किए जाएंगे।

दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत इस दशक के भीतर पांच हजार अरब डॉलर तक विस्तारित होकर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

कच्चे तेल की कीमत में गिरावट कुछ मायनों में भारत के लिए अच्छी बात है, क्योंकि भारत कई चीजों का शुद्ध आयातक है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती भारत के लिए सकारात्मक होगी।

शेट्टी ने कहा कि भारत विश्व की सेवा राजधानी बनेगा और देश को उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना होगा तथा ऐसे विशिष्ट क्षेत्रों की तलाश करनी होगी जहां भारत विश्वस्तर पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर सके।

भाषा अनुराग अजय

अजय

अनुराग

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments