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Friday, 20 September, 2024
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एडिटर्स गिल्ड ने संशोधित आईटी नियमों को रद्द करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया

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नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें तथ्य-जांच इकाइयों (एफसीयू) के गठन पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संशोधन नियम 2023 को असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया गया है।

सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियमों में केंद्र सरकार को अपने कामकाज के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ‘‘फर्जी और भ्रामक’’ सूचना का पता लगाने के लिए एक तथ्य-जांच इकाई बनाने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया था।

गिल्ड ने पिछले साल जून में बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर आईटी संशोधन नियम 2023 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी।

गिल्ड ने पिछले साल अप्रैल में अपने बयान में चिंता जताते हुए कहा था आईटी नियमों में संशोधन से देश में प्रेस की स्वतंत्रता पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

उच्च न्यायालय ने कहा कि संशोधित नियम समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन करते हैं। साथ ही, यह भी कहा कि ये नियम अस्पष्ट हैं और इसके व्यापक होने के कारण न केवल व्यक्ति पर बल्कि सोशल मीडिया मध्यस्थों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

जनवरी 2024 में उच्च न्यायालय की एक खंड पीठ ने संशोधित आईटी नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर खंडित निर्णय दिया था, जिसके बाद एक निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए न्यायमूर्ति ए एस चंदूरकर के पास इस मामले को भेजा गया था।

न्यायमूर्ति चंदूरकर ने शुक्रवार को कहा कि ये नियम संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं।

भाषा सुभाष रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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