नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) दिल्ली के मध्य क्षेत्र स्थित बापा नगर के एक भीड़भाड़ वाले इलाके में बुधवार सुबह पांच मंजिला इमारत के ढह जाने से चार लोगों की मौत हो गई जबकि 14 व्यक्ति घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
इस इमारत में चप्पल का कारखाना और श्रमिकों के लिए आवास था।
पुलिस ने बताया कि बचावकर्मियों को छोटी-छोटी गलियों से होते हुए घटनास्थल पर पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और आठ घंटे के अभियान के दौरान 18 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया। क्रेन जैसी भारी मशीनें घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकीं।
दिल्ली अग्निशमन सेवा विभाग (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि घटनास्थल पर ‘स्ट्रेचर’ भी नहीं ले जाया जा सका, इसलिए पीड़ितों को अपनी पीठ पर उठाकर ले जा रहा हैं।
पुलिस ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106 और 290 के तहत मामला दर्ज किया गया है और मामले जांच जारी है।
एक अधिकारी ने बताया कि घटना का मुख्य कारण इमारत में रिसाव होने का संदेह है, लेकिन इसकी जांच की जाएगी।
हालांकि, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने कहा कि मानसून से पहले सर्वेक्षण के दौरान इमारत को खतरनाक स्थिति में नहीं पाया गया था।
पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम. हर्ष वशण ने बताया कि उन्हें सुबह करीब नौ बजे घटना की सूचना मिली था, जिसमें पता चला कि पांच मंजिला इमारत (भूतल जमा चार मंजिल) ढह गई है और लोग मलबे में फंसे हुए हैं। बगल की एक इमारत को भी नुकसान पहुंचा है।’
अधिकारी ने बताया कि स्थानीय पुलिस और डीएफएस ने बचाव अभियान शुरू किया और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को भी बुलाया गया।
वर्धन ने कहा कि इमारत पुरानी थी। वे भारी मशीनें या क्रेन अंदर नहीं ले जा सके, जिसके कारण अभियान में देरी हुई, लेकिन अग्निशमन विभाग, स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने शाम साढ़े पांच बजे तक बचाव कार्य चलाया।
वर्धन ने कहा, ‘कुल 18 लोगों को आरएमएल अस्पताल ले जाया गया, उनमें से चार को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि 14 को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनमें से दो की हालत अभी भी गंभीर है।’
मृतकों की पहचान अमन (12), मुकीम (25), मुजीब (18) और मोसिन (26) के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के खातानगर गांव के मूल निवासी थे।
मुकीम, मुजीब और मोसिन चप्पल बनाने वाले कारखाने में काम करते थे, जबकि अमन उनसे मिलने आया था।
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, जांच के दौरान पता चला कि इमारत में रहने वालों ने फैक्टरी मालिक से कई इमारत में रिसाव की शिकायत की थी, लेकिन उसने कोई ध्यान नहीं दिया।
अधिकारी ने कहा कि इमारत की हर मंजिल पर मजदूर रहते हैं और काम करते हैं। यह फैक्टरी मालिक को किराए पर दी गई थी।
उन्होंने कहा, ‘कारखाने के मालिक और इमारत के मालिकों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।’
पुलिस आयुक्त ने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद दिल्ली नगर निगम को प्रभावित क्षेत्र को खाली कराने के लिए कहा गया है।
दिल्ली की नामित मुख्यमंत्री आतिशी ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा करते हुए अधिकारियों को घटना की गहन जांच करने और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
आतिशी ने आरएमएल अस्पताल में घायलों से मुलाकात की।
आप नेता ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में दिल्ली के मेयर से बात की है।
उन्होंने कहा, ‘इस साल दिल्ली में अधिक बारिश हुई है। मैं लोगों से अनुरोध करती हूं कि वे इस तरह की किसी भी घटना की आशंका होने पर प्रशासन को सूचित करें।’
एमसीडी के एक बयान के अनुसार, इमारत विशेष क्षेत्र श्रेणी में आती है और लगभग 25/30 वर्ग मीटर के भूखंड पर बनी थी। इमारत गिरने का कारण पता नहीं चल सका है।
एमसीडी ने कहा, ‘रखरखाव विभाग द्वारा किए गए मानसून पूर्व सर्वेक्षण के दौरान इमारत को खतरनाक स्थिति में नहीं पाया गया था।’
अमन की बहन उस्मी खान ने कहा, ‘वह उत्तर प्रदेश के रामपुर से दिल्ली के इंडिया गेट को देखने के लिए लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा करके आया था, लेकिन करीब 11.30 बजे एक दुखद कॉल मिला, जिसमें मेरे भाई की मौत की दुखद सूचना मिली।’
‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत के दौरान उस्मी ने कहा, ‘मेरा छोटा भाई हमेशा से उद्यमी बनना चाहता था और व्यवसाय करके अपने परिवार का सहयोग करना चाहता था। उसका दृढ़ संकल्प और परिपक्वता उसकी उम्र से कहीं अधिक थी।’
उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी मां को इस बारे में नहीं बताया है।’
उस्मी ने कहा, ‘मुआवजा देने से हम जिस दर्द से गुजर रहे हैं, वह कम नहीं होगा।’
मंगलवार को अमन अपने दोस्त से मिलने बापा नगर गया था, उसे ऊपर मंडरा रहे खतरे का अंदाजा नहीं था।
नाम न बताने की शर्त पर एक घायल व्यक्ति ने कहा, ‘मालिक से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण यह हादसा हुआ ।’
भाषा योगेश माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.