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Tuesday, 19 November, 2024
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व्हाट्सएप से किया गणेश चतुर्थी का मैसेज डिलीट, कोटा में स्कूल के मुस्लिम प्रिंसिपल क्यों हुए गिरफ्तार

शिकायतकर्ता का कहना है कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री के सहायक की सलाह पर एफआईआर दर्ज की गई. स्कूल प्रिंसिपल के परिवार के सदस्यों का तर्क है कि उन्हें व्हाट्सएप ठीक से चलाना नहीं आता, इसलिए उन्होंने गलती से मैसेज डिलीट कर दिए.

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नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ मामले में शिकायतकर्ता ने दिप्रिंट को बताया कि उन्हें शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के सहायक ने एफआईआर दर्ज करने की सलाह दी थी. प्रिंसिपल शफी मोहम्मद अंसारी को शनिवार को एक आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप से गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं देने वाला मैसेज डिलीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके वे खुद एडमिन हैं.

अंसारी को हालांकि, ज़मानत दे दी गई और उन्हें उसी दिन 20,000 रुपये के बॉन्ड पर रिहा कर दिया गया.

शिकायतकर्ता प्रदीप नागर — जो सांगोद से भाजपा विधायक और कनिष्ठ मंत्री हीरालाल नागर के सहयोगी भी हैं — ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने घटना के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को फोन किया था, लेकिन मंत्री के सहायक ने फोन उठाया और अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का सुझाव दिया.

इस बीच, अंसारी के परिवार के एक सदस्य ने उनका बचाव करते हुए कहा कि सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को व्हाट्सएप की ठीक से जानकारी नहीं थी और उन्होंने गलती से मैसेज डिलीट कर दिए. “अंसारी साहब तकनीक के जानकार नहीं हैं और उन्हें व्हाट्सएप के फीचर के बारे में जानकारी नहीं थी, जिसके कारण गलती से मैसेज डिलीट हो गया.”

सदस्य ने तर्क दिया कि अंसारी का इरादा “डिलीट फॉर मी” ऑप्शन इस्तेमाल करके केवल अपने लिए मैसेज डिलीट करने का था, लेकिन उन्होंने गलती से दोनों मैसेज के लिए “डिलीट फॉर ऑल” पर टैप कर दिया.

अंसारी को शनिवार को कोटा ग्रामीण के लटूरी गांव में गिरफ्तार किया गया, जब उन्होंने गणेश चतुर्थी पर आधिकारिक स्कूल प्रबंधन विकास समिति (एसएमडीसी) के व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों को शुभकामनाएं देने वाले दोनों मैसेज डिलीट कर दिए.

अंसारी ने कहा कि यह अनजाने में किया गया, लेकिन हिंदुत्व समर्थक संगठनों ने उसी दिन उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने पुलिस को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें अंसारी पर ‘दोहरा अपराध’ करने का आरोप लगाया गया, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दी गई और उनकी बर्खास्तगी सहित सख्त कार्रवाई की मांग की गई.

सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जिसके अंसारी पिछले दो सालों से प्रिंसिपल है, में 300 से अधिक छात्र पढ़ते हैं.


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‘अंसारी की गतिविधियां संदिग्ध थीं’

सात सितंबर को सुबह करीब 10 बजे अंसारी ने विधायक हीरालाल के एक अन्य सहयोगी भारत नागर का एक मैसेज डिलीट कर दिया, जिसमें स्कूल प्रबंधन विकास समिति (एसएमडीसी) के व्हाट्सएप ग्रुप पर गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दी गई थीं.

लगभग एक घंटे बाद अंसारी ने स्कूल शिक्षक जोधराज मीना द्वारा त्योहार से संबंधित भेजे गया एक और मैसेज भी डिलीट कर दिया.

स्कूल सचिव द्वारा बनाए गए एसएमडीसी नामक व्हाट्सएप ग्रुप में विधायक के सहयोगियों के साथ-साथ स्कूल के शिक्षक और कर्मचारी भी शामिल हैं और इसका इस्तेमाल आधिकारिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है. इस ग्रुप में कई एडमिन हैं — जो मैसेज भेजे जाने के दो दिनों के भीतर सभी के लिए उसे डिलीट कर सकते हैं.

अंसारी द्वारा मैसेज डिलीट करने के बाद, बजरंग दल सहित हिंदुत्व समर्थक संगठनों के करीब 20 कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे और उनसे पूछा कि उन्होंने मैसेज क्यों डिलीट किए. उन्होंने दावा किया कि यह एक अनजाने में हुई गलती थी.

कुछ ग्रामीण भी स्कूल के बाहर इकट्ठा हुए और प्रिंसिपल के खिलाफ प्रदर्शन किया.

उसी दिन ग्रुप पर हिंदी में लिखे और पोस्ट किए गए एक मैसेज में अंसारी ने कहा, “यह एक गलती थी; मेरा ऐसा करने का कोई इरादा नहीं था. मेरे इरादे से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची. अगर मैंने अनजाने में कुछ किया है तो मैं माफी मांगता हूं.”

नागर जिन्होंने राज्य शिक्षा मंत्री के सहायक की सलाह पर प्रिंसिपल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, ने कहा, लेकिन बैक-टू-बैक दो मैसेज को हटाना अंसारी के “इरादों” को दर्शाता है.

नागर ने दिप्रिंट से कहा, “अंसारी की गतिविधियां संदिग्ध थीं; जब कोई उन्हें माला और तिलक लगाने की कोशिश करता था, तो वे मना कर देते थे.”

उन्होंने आगे कहा कि तिलक न लगाना एक व्यक्तिगत पसंद है, लेकिन मैसेज हटाना गलत था.

उनके विचार से, अंसारी को इसके बजाय शुभकामनाएं देनी चाहिए थीं. नागर ने हालांकि यह भी कहा कि “यह पहली बार था जब अंसारी ने कोई पोस्ट डिलीट की और उन्होंने पहले कभी ऐसा नहीं किया था.”

ग्रुप में गणेश चतुर्थी के दो मैसेज में से एक भेजने वाले भरत नागर ने दिप्रिंट को फोन पर बताया कि उन्होंने राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से बात की और उन्हें घटना की रिपोर्ट सौंपी. दिलावर ने उन्हें आश्वासन दिया कि अंसारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

दिलावर ने पुष्टि की कि उनके निर्वाचन क्षेत्र रामगंज मंडी की घटना की सूचना उन्हें दी गई थी, लेकिन उन्होंने कहा, “इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है. यह एक स्थानीय मुद्दा था, जिसे पुलिस ने सुलझा लिया है. अगर अंसारी भविष्य में अपनी हरकतें दोहराएंगे, तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे.”

प्रिंसिपल का बचाव करते हुए उनके परिवार के सदस्य ने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप में अन्य हिंदू त्योहारों से संबंधित मैसेज भी हैं जिन्हें हटाया नहीं गया है.

“ग्रुप में दीवाली की शुभकामनाओं और हाल ही में जन्माष्टमी की शुभकामनाओं वाला मैसेज भी मिला, जो अभी भी वहां हैं.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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