ग्वालियरः मध्य प्रदेश के डीजीपी ने एक गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है. पुलिस महानिदेशक वीके सिंह ने रविवार को एक विचित्र और सेक्सिस्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि लड़कियां अधिक आजाद हो रही हैं इस वजह से राज्य में अपहरण के नकली मामले बढ़ रहे हैं.
#WATCH MP DGP,VK Singh,"Ek naya trend IPC 363 ke roop mein dikha hai. Ladkiyaan swatantra zada ho rahi hain,aaj ke samaj mein ladkiyon ki badhti swatantrata ek tathya hai.Aise cases mein increase hua hai jismein wo ghar se chali jati hain aur report hoti hai kidnapping ki" (4Jul) pic.twitter.com/M42uCRquM1
— ANI (@ANI) July 7, 2019
इस मुद्दे के लिए महिलाओं पर दोषारोपण करते हुए, सिंह ने कहा कि एक नया चलन तब सामने आया है जब से भारतीय दंड संहिता की धारा 363 की बात आती है, जो कि अपहरण की सजा से संबंधित है. सिंह से जब 4 जुलाई को राज्य में बढ़ते अपहरण के मामलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘आईपीसी 363 के रूप में एक नया चलन देखा गया है. लड़कियां स्कूल और कॉलेजों में जाने के साथ-साथ स्वतंत्र भी हो रही हैं, इसलिए आज के समाज में, यह एक वास्तविकता है. इन मामलों में, लड़कियां घर छोड़ देती हैं लेकिन रिपोर्ट किडनैपिंग की होती है.
मध्य प्रदेश के शीर्ष पुलिस द्वारा की गई टिप्पणी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के बाद सामने आई है जिसमें राज्य में 2016 में बच्चों के अपहरण और बहला-फुसलाकर भगाने के 6,016 मामले दर्ज किए गए हैं.
ऋषि कुमार शुक्ला की जगह वीके सिंह बने हैं मप्र के नए डीजीपी
मध्य प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीके सिंह को ऋषि कुमार शुक्ला के स्थान पर डीजीपी बनाया गया है. जबकि शुक्ला को मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन का अध्यक्ष बनाया गया है. गृह विभाग के सचिव नरेश पाल कुमार द्वारा मंगलवार की शाम को जारी किए गए आदेश के मुताबिक, भारतीय पुलिस सेवा के 1984 बैच के अधिकारी सिंह को डीजीपी पदस्थ किया गया है. सिंह अब तक पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष थे.
वहीं पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन का अध्यक्ष बनाए गए शुक्ला भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 1983 बैच के अधिकरी हैं.