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Thursday, 21 November, 2024
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कोलकाता रेप-मर्डर मामले में अपने बयान पर ममता ने दी सफाई, कहा- कभी छात्रों को धमकी नहीं दी

बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया है और बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में उनके शब्द भाजपा के खिलाफ थे, जो अपराध का ‘राजनीतिकरण’ कर रही है और अराजकता पैदा कर रही है.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को अपने हालिया बयानों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने हाल ही में तृणमूल छात्र परिषद के कार्यक्रम में अपने भाषण में छात्रों या उनके विरोध के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा.

X पर एक पोस्ट में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह छात्र आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करती हैं, क्योंकि यह उचित है.

उन्होंने कहा, “मैंने कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार कैंपेन देखा है, जिसे कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिए गए भाषण के संदर्भ में चलाया जा रहा है. मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूं कि मैंने छात्रों (मेडिकल आदि) या उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है. मैं उनके आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करती हूं. उनका आंदोलन उचित है. मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर ऐसा करने का आरोप लगा रहे हैं. यह आरोप पूरी तरह से झूठा है.”

इसके अलावा, भाजपा पर निशाना साधते हुए सीएम ममता ने कहा कि उन्होंने भाजपा के खिलाफ इसलिए बोला क्योंकि वे लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और पश्चिम बंगाल में अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा, “मैंने भाजपा के खिलाफ बोला है. मैंने उनके खिलाफ इसलिए बोला है क्योंकि भारत सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्र के समर्थन से वे अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है.”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 28 अगस्त को अपने भाषण में उन्होंने जिस वाक्यांश (“फोंश करा”) का इस्तेमाल किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव द्वारा कहा गया था.

बनर्जी ने कहा, “महान संत रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है. जब अपराध और आपराधिक वारदातें होती हैं, तो विरोध की आवाज उठानी पड़ती है. उस बिंदु पर मेरा भाषण महान रामकृष्ण के कथन पर केंद्रित था.”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बुधवार को भाजपा के 12 घंटे के ‘बंगाल बंद’ की निंदा की और इसे बंगाल को “बदनाम” करने का प्रयास बताया.

कल कोलकाता में तृणमूल ‘छात्र परिषद’ के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, भाजपा के 12 घंटे लंबे ‘बंगाल बंद’ के आह्वान के जवाब में, मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता की महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर बंगाल में आग लगाने के लिए अपनी पार्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

ममता बनर्जी ने कहा, “कुछ लोगों को लगता है कि यह बांग्लादेश है. मुझे बांग्लादेश से प्यार है; वे हमारी तरह बोलते हैं और हमारी संस्कृति साझा करते हैं. लेकिन याद रखें, बांग्लादेश एक अलग देश है, और भारत एक अलग देश है. मोदी बाबू अपनी पार्टी का इस्तेमाल यहां आग लगाने के लिए कर रहे हैं. अगर आप बंगाल जलाते हैं, तो असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे! हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे.”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी की भाजपा के मुख्यमंत्रियों द्वारा आलोचना की गई.


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