नई दिल्ली: जब नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा एक अप्रैल 2022 को तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आए, तो उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के निमंत्रण पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय का भी दौरा किया था.
इसके बाद नड्डा ने उन्हें दीन दयाल उपाध्याय की पुस्तक इंटीग्रल ह्यूमैनिज्म की एक प्रति भेंट की.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया, भाजपा अध्यक्ष की सरकारों के प्रमुखों के साथ बातचीत की यह तो बस शुरुआत थी — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर की गई एक नई पहल, जो चाहते थे कि पार्टी विदेशी देशों में नेताओं और पार्टियों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस तरह की बातचीत का उद्देश्य विदेश में पार्टी की विचारधारा और राजनीति के बारे में “गलतफहमियों” को दूर करना है.
जब पार्टी विपक्ष में थी, तब विदेशी गणमान्य व्यक्ति भाजपा अध्यक्षों से मिलते थे, लेकिन पार्टी के सत्ता में आने के बाद ऐसी मुलाकातें बंद हो गईं.
हालांकि, पार्टी ने 6 अप्रैल 2022 को पार्टी के स्थापना दिवस पर विदेशी दर्शकों को संबोधित करने और उनसे जुड़ने के लिए ‘भाजपा को जानिए’ पहल शुरू की.
तब से, नड्डा नेपाल, मॉरीशस, केन्या, भूटान, वियतनाम और तंजानिया के एक दर्जन से अधिक शासनाध्यक्षों और सिंगापुर के विदेश मंत्री से मिल चुके हैं.
नड्डा ने 17 जुलाई 2022 को नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड से भी मुलाकात की.
मलेशिया के प्रधानमंत्री अगले हफ्ते भारत आएंगे और नड्डा संभवतः प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से भी मुलाकात करेंगे.
भाजपा के विदेश मामलों के विभाग के प्रभारी विजय चौथाईवाले ने कहा, “यह भाजपा के वैश्विक आउटरीच कार्यक्रम का एक हिस्सा है और इससे पार्टी-टू-पार्टी संपर्क भी बढ़ेगा. इसका उद्देश्य विचारों का आदान-प्रदान करना और उन्हें भाजपा की नीतियों के बारे में अधिक जागरूक बनाना है.”
यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में CM मोहन यादव ने सौंपे प्रभार, विजयवर्गीय और पटेल को मिले कम महत्वपूर्ण जिले
‘भाजपा को लेकर काफी उत्सुकता है’
भाजपा के सूत्रों के अनुसार, इस पहल के पीछे का विचार मोदी का था।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “प्रधानमंत्री ने हमेशा पार्टी के महत्व पर जोर दिया है और इस तरह के दौरे विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से जुड़ने में मदद करते हैं. जब विदेशी सरकार के प्रमुख भारत आते हैं, तो यह उनके साथ जुड़ने, उनकी पार्टी के बारे में और अधिक राजनीतिक समझ हासिल करने और उन्हें भाजपा के बारे में जागरूक करने का मौका देता है.”
पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के दौरान “यह आम बात थी कि देश के प्रमुख सोनिया गांधी से मिलते थे.”
इस कदम के पीछे के तर्क को समझाते हुए पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, “भारत के बारे में बहुत सी ऐसी बातें हैं जो लोग नहीं जानते हैं, भारत की चुनावी वास्तविकता, भाजपा की संरचना और सदस्यता कार्यक्रम, हम कैडर से जुड़ने के लिए नमो ऐप का उपयोग कैसे करते हैं.”
उन्होंने कहा, “ऐसी बैठकों के दौरान, हमें ऐसी चीजों के बारे में बहुत सारे प्रश्न मिलते हैं और सरकार-से-सरकार संवादों के दौरान, ज़ाहिर है, इन चीज़ों पर ध्यान नहीं दिया जाता है.”
पार्टी ने विदेशी राजनेताओं को यह देखने के लिए आमंत्रित किया कि भाजपा किस तरह से चुनाव लड़ती है और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया और मोदी की रैलियों को देखने के लिए विदेशी राजनयिकों को भारत के विभिन्न राज्यों में ले गई.
पदाधिकारी ने कहा, “भाजपा को लेकर काफी उत्सुकता है और साथ ही गलतफहमियां भी हैं. ऐसी बैठकें ऐसी गलतफहमियों को दूर करने का मौका देती हैं. हम विदेशी प्रतिनिधियों के साथ ऐसे कई और कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं और पार्टी-दर-पार्टी बातचीत भी होगी.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘मोदी 3.0 के दो महीने’; NDA के ‘फेविकोल बॉन्ड’ में तनाव के संकेत दिख रहे हैं