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Wednesday, 20 November, 2024
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भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश को स्पेशल कोर्ट ने दी जमानत

भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बुधवार को जर्जर मकान तोड़ने पहुंचे निगम के अफसर को बैट से पीट दिया था. इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

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नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और इंदौर से विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत मिल गई है. शनिवार को भोपाल की स्पेशल कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुनाया है. कोर्ट ने उन्हें 20 हजार रुपये के जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. विधायक आकाश नगर निगम अधिकारी को बैट से मारने के मामले में जेल में बंद हैं.

निगम कर्मी को पीटने के बाद आकाश ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि ‘पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दे दना दन’ का बयान भी दिया था.

शनिवार दोपहर दिनभर कोर्ट में गहमागहमी का माहौल था. दो बजे स्पेशल कोर्ट ने आकाश के मामले की सुनवाई पूरी की. दोनों की पक्षों को सुनने के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके बाद शाम 6 बजे ये फैसला सुनाया गया. आकाश की तरफ से जल्द रिहाई के लिए अर्जी दी गई है. इसमें लिखा गया है कि कोर्ट जो भी रिलीज वारंट जारी करे उसमें ये लिखा जाए कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए. इंदौर कोर्ट में जमानत याचिका की सुनवाई नहीं होने के बाद भोपाल अदालत में ट्रांसफर किया गया था. यह कोर्ट विशेषकर जनप्रतिनिधियों की सुनवाई के लिए बनाई गई है.

भाजपा की बादत बन गई थी जो उजागर नहीं हो रही थीः सीएम कमलनाथ

शनिवार शाम एक कार्यक्रम में शामिल होने इंदौर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से जब इस मामले में स्थानीय मीडिया ने पूछा तो उन्होंने कहा कि अफसरों पर हमला खेद की बात है. यह भाजपा की आदत बन गई थी. जो उजागर नहीं हो रही थी. अब उजागर हो रही है. इस पर पुलिस ने कार्रवाई की है. पुलिस विभाग इसके लिए बधाई का पात्र है. इस प्रकार की घटनाओं पर पुलिस कड़ी कार्रवाई करे.

क्या है पूरा मामला 

बुधवार को क्षेत्र के गंजी कंपाउंड में नगर निगम की टीम जर्जर मकान को गिराने के लिए पहुंची थी. इस कार्रवाई का विरोध कर रहे क्षेत्रीय विधायक आकाश विजयवर्गीय ने क्रिकेट के बल्ले से निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस को पीट दिया था. एमजी रोड़ थाना पुलिस ने निगम अफसरों की शिकायत पर विधायक समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर विधायक को गिरफ्तार कर लिया था. आकाश के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने और सरकारी कर्मचारी से मारपीट से जुड़ी धाराएं लगाई गई है.

बुधवार शाम को विधायक आकाश को जिला कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर उन्हें 11 जुलाई तक जेल भेज दिया गया.


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गुरूवार को आकाश की जमानत अर्जी सत्र न्यायालय के पास पहुंची. यहां भी जमानत का फैसला नहीं हो सका. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि 26 फरवरी 2018 के नोटिफिकेशन के मुताबिक सांसद और विधायक के खिलाफ रजिस्टर्ड केस की सुनवाई भोपाल की स्पेशल कोर्ट में ही हो सकती है. किसी अन्य कोर्ट को विधायक और सांसद पर दर्ज केस में सुनवाई का अधिकार नहीं है.

शुक्रवार को भोपाल में विधायकों और सांसदों के खिलाफ मामले में सुनने वाले स्पेशल कोर्ट में बहस नहीं सकी. कोर्ट में विधायक आकाश की पक्ष की तरफ से आवेदन तो पेश हो गया, लेकिन कोर्ट ने इंदौर से पुलिस शनिवार सुबह तक केस डायरी भेजने को कहा. इसके बाद ही मामले की सुनवाई होगी.

शनिवार को भोपाल की स्पेशल कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई. जहां दोनों पक्षों की दलीलों को विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने सुना. इसके बाद उन्होंने फैसला सुनाया.

टीवी पत्रकार पर भड़के कैलाश विजयवर्गीय, बोले तुम्हारी हैसियत क्या है

आकाश विजयवर्गीय के मारपीट करते हुए वीडियो वायरल होने के बाद एक निजी समाचार चैनल ने जब इस मामले में आकाश के पिता और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से पूछा तो उन्होंने पहले कहा कि मेरा बेटा गलत काम नहीं कर सकता है. इसके बाद जब पत्रकार ने पूछा कि आपके बेटे अधिकारियों के साथ मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस पर क्या कहना चाहेंगे तो इस पर कैलाश विजयवर्गीय भड़क गए और आपा खो दिया. विजयवर्गीय ने पत्रकार से कहा कि आप जज है क्या और तुम्हारी हैसियत ही क्या है.

आकाश के समर्थन में पोस्टर, निगम हटवाएं 

शुक्रवार को विधायक आकाश विजयवर्गीय के समर्थन में पोस्टर लगाए गए. जिसमें लिखा गया था कि सैल्यूट आकाश. जैसे ही इस तरह के पोस्टर लगने की जानकारी निगम को मिली. उन्होंने सारे पोस्टर उतरवा दिए. यह पोस्टर विधायक के समर्थकों द्वारा लगाए गए थे. वहीं, शुक्रवार दोपहर को आकाश की गिरफ्तारी के​ खिलाफ भाजपा ने प्रदर्शन भी किया. ​

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