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Wednesday, 20 November, 2024
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‘योजनाओं के क्रियान्वयन और बेहतर तालमेल पर ध्यान दें’- BJP मुख्यमंत्रियों की बैठक में मोदी का निर्देश

योगी आदित्यनाथ ने भी मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेने की बात कहकर अपने पद पर बने रहने का संकेत दिया है और 'मजबूत और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' के निर्माण की बात कही है.

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नई दिल्ली: मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्रियों से सरकार की प्रमुख योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन और ‘विकसित राज्यों’ के विजन को साकार करने के जरिए लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है.

मोदी शनिवार को लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की पहली बैठक में बोल रहे थे. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी मौजूद थे.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव में मिली हार और अपने दो उपमुख्यमंत्रियों के साथ तनातनी के बाद पार्टी में मची उथल-पुथल के बीच बैठक में शामिल होने के बाद एक्स पर एक पोस्ट करके पद पर बने रहने का संकेत दिया.

नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में शामिल भाजपा नेताओं के अनुसार, मोदी ने कहा, “योजनाओं का पूरा लाभ लोगों को मिलना चाहिए. इस पर काम करें और इसे सुनिश्चित करें.”

नेताओं ने कहा कि बैठक में संगठन के बड़े मामलों पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन बेहतर शासन के लिए पार्टी और सरकार के बीच बेहतर तालमेल पर जोर दिया गया. मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चल रही प्रमुख योजनाओं के साथ-साथ राज्य बजट और केंद्रीय बजट में शुरू की गई नई योजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के निर्देश दिए. सूत्रों ने कहा कि सुशासन प्रकोष्ठों को नियमित रूप से कार्यान्वयन की प्रगति की निगरानी करने के लिए कहा गया.

कुछ राज्यों को उन योजनाओं को लागू करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया, जिन्होंने अन्य राज्यों में अच्छा प्रदर्शन किया है. मध्य प्रदेश में तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा शुरू की गई लोकप्रिय लाडली बहना योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार की लड़की बहन योजना का उदाहरण दिया गया.

बैठक के बाद एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने लिखा कि पार्टी “सुशासन को आगे बढ़ाने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रही है”.

एक्स पर अपने पोस्ट में योगी आदित्यनाथ ने लिखा: “प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सुरक्षा, सुशासन और गरीबों के कल्याण के मंत्र के साथ एक मजबूत और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश बनाने की यात्रा निरंतर जारी है.”

हालांकि भाजपा ने एनडीए सहयोगियों के साथ केंद्र में सरकार बनाई, लेकिन पार्टी चुनावों में बहुमत हासिल करने में विफल रही, जिसके कारण 2029 में इसकी संख्या 303 से घटकर 2024 में 240 रह गई. माना जाता है कि उत्तर प्रदेश में सीटों का नुकसान, 2019 में 62 से घटकर 2024 में 33 हो जाना, विशेष रूप से निचले सदन में इसकी संख्या में कमी का कारण बना.

मामले से वाकिफ लोगों के मुताबिक, अपने दो उपमुख्यमंत्रियों के साथ विवाद में उलझे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष के साथ अपनी बैठक के दौरान पार्टी के निराशाजनक चुनाव प्रदर्शन के पीछे के कारणों के बारे में भाजपा आलाकमान को जानकारी दे दी थी. उन्होंने कहा कि सीएम ने प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात नहीं की है और भाजपा की बैठक के दौरान उनके साथ केवल संक्षिप्त बातचीत की है.

उन्होंने कहा कि हालांकि केंद्र यूपी नेतृत्व में कोई बदलाव करने के लिए बहुत उत्साहित नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री की अगुवाई वाली विभिन्न बैठकों में उपमुख्यमंत्रियों – केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की अनुपस्थिति भाजपा नेतृत्व को अच्छी नहीं लगी है. शनिवार की बैठक में बेहतर तालमेल का आह्वान नेताओं के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए किया गया था.

मुख्यमंत्रियों ने प्रगति रिपोर्ट पेश की

शनिवार को हुई बैठक में कई मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली शासन योजनाओं की प्रगति पर रिपोर्ट भी पेश की. उदाहरण के लिए, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने 35,000 करोड़ रुपये की जलापूर्ति परिसंपत्तियों और 13,000 नए एसएसए कक्षाओं के निर्माण के बारे में बात की. उन्होंने 81,000 छात्रों को स्कूल वापस लाने, 3000 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा क्षमता बनाने और रोजगार चुनौतियों का सामना करने के लिए कार्यबल को कुशल बनाने के प्रयासों के बारे में भी बात की.

योगी ने राज्य की 351 सर्वश्रेष्ठ कार्यों के बारे में बात की, जिनमें 56 लाख से अधिक गरीब और बेघर परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराना, मिशन शक्ति, स्कूल चलो अभियान, ऑपरेशन कायाकल्प, बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण सार्वजनिक अभियान और मातृभूमि योजना शामिल हैं.

मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों से सरकार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न कल्याणकारी और विकास योजनाओं से लोगों को अवगत कराने को कहा. नाम न बताने की शर्त पर वरिष्ठ भाजपा नेताओं के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, “लोकतंत्र में जनता ही सबकुछ होती है. ऐसे में जनता के हितों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. विकास योजनाओं को लागू करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए.”

कारोबार को आसान बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और नल से जल योजना समेत अपनी सरकार द्वारा शुरू की गई कई पहलों पर प्रकाश डाला.

विधानसभा चुनावों पर ध्यान

एक केंद्रीय पार्टी पदाधिकारी के अनुसार, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड जैसे महत्वपूर्ण राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों पर नज़र रखते हुए, भाजपा का ध्यान अब युवाओं, किसानों और मध्यम वर्ग की चिंताओं को दूर करने पर है.

यही कारण है कि सरकार, जो रोज़गार संकट और बेरोज़गारी के मुद्दे पर ज़्यादा टालमटोल करती रही थी, ने पिछले हफ़्ते मोदी के तीसरे कार्यकाल में पेश किए गए अपने पहले केंद्रीय बजट में इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 20 से ज़्यादा बार रोज़गार और युवाओं का ज़िक्र किया.

भाजपा कल्याणकारी योजनाओं की पूर्णता पर भी जोर दे रही है, जिसका उल्लेख पहली बार 2023 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में किया गया था, खास तौर पर ग्रामीण और युवा बेरोजगारी की चुनौतियों के लिए. बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से समाज के चार वर्गों: गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं को संबोधित करने के लिए बजट की कम से कम एक प्रमुख योजना का उपयोग करने को कहा.

बैठक के दौरान मौजूद एक पार्टी नेता ने कहा, “उन्होंने (पीएम मोदी) हर भाजपा-नेतृत्व वाली सरकार से शासन के किसी न किसी क्षेत्र में अपने लिए एक जगह बनाने का आह्वान किया. उन्होंने सरकारों से जीवन को आसान बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आग्रह किया.”

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत कई अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए. इसके अलावा इस मीटिंग में कई उपमुख्यमंत्री भी मौजूद रहे. इनमें महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस, यूपी के केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक और बिहार के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा शामिल थे.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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