पाकुड़ (झारखंड), 27 जुलाई (भाषा) झारखंड के पाकुड़ जिले में पुलिस और आदिवासी छात्रों के बीच झड़प में छह पुलिसकर्मियों समेत 15 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
यह घटना शुक्रवार रात को उस समय घटी जब पुलिस की एक टीम अपहरण के एक मामले की जांच के लिए केकेएम कॉलेज परिसर में पहुंची थी।
पुलिस ने बताया कि कॉलेज परिसर में स्थित आदिवासी छात्रावास के छात्रों के एक समूह ने परिसर में पुलिस के प्रवेश का कथित तौर पर विरोध किया, जिसके बाद पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हो गई।
वहीं, भाजपा की झारखंड इकाई ने आरोप लगाया कि शनिवार को जिले के महेशपुर इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ विरोध रैली निकालने की तैयारी कर रहे आदिवासी छात्रों की पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की। भाजपा ने घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
छात्रावास के विद्यार्थियों ने दावा किया कि पुलिस ने लगभग 10 छात्रों की बेरहमी से पिटाई की और उनका पाकुड़ के स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है।
एक छात्र ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी आपत्ति के बावजूद कॉलेज परिसर में जबरदस्ती प्रवेश किया।
नाम न बताने की शर्त पर छात्र ने कहा, ‘‘उन्होंने (पुलिस ने) हमारी प्रस्तावित रैली के बारे में भी बात की और कहा कि छात्रों को राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए।’’
पाकुड़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रभात कुमार ने दावा किया कि यह घटना आदिवासी छात्र संघ की शनिवार की प्रस्तावित रैली से जुड़ी नहीं है, क्योंकि रैली की अनुमति उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) द्वारा पहले ही दे दी गई थी।
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘शुक्रवार रात टाउन पुलिस थाने को एक माता-पिता से सूचना मिली कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है और उसे तिनपहाड़ इलाके की ओर ले जाया जा रहा है। लड़के के मोबाइल टावर की लोकेशन केकेएम कॉलेज के आसपास पाई गई। एक उपनिरीक्षक, एक कांस्टेबल और एक ड्राइवर के साथ स्थानीय गश्त टीम को मौके पर भेजा गया।’’
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इलाके में कुछ लोगों से पूछताछ की, लेकिन लड़के का कोई सुराग नहीं मिला। फिर, टीम ने देखा कि कॉलेज का दरवाजा खुला था और वे परिसर में चले गए।
एसपी ने कहा, ‘‘जब पुलिस ने छात्रावास के एक छात्र से पूछा कि क्या उसने मामले से जुड़ी कोई गतिविधि देखी है, तो उसने पुलिस से पूछा कि वे बिना अनुमति के कॉलेज परिसर में कैसे घुस गए। इस पर उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई।’’
उन्होंने कहा कि छात्र छात्रावास के अंदर गया और हॉकी व लाठियों से लैस बड़ी संख्या में अन्य छात्रों के साथ वापस लौटा।
कुमार ने बताया, ‘‘उन्होंने उपनिरीक्षक और कांस्टेबल की बेरहमी से पिटाई की। पुलिसकर्मी किसी तरह अपनी जान बचाकर कॉलेज से निकलने में सफल रहे। छात्रों ने पुलिस वाहन का शीशा भी तोड़ दिया।’’
बाद में टाउन थाना प्रभारी अनूप रौशन भेंगरा के नेतृत्व में पुलिस बल को कॉलेज परिसर में भेजा गया, लेकिन छात्रों ने उन पर भी हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि छात्रों के हमले में छह पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गए।
छात्रों ने दावा किया कि पुलिस ने छात्रावास में रहने वाले 100 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘‘आदिवासियों पर अत्याचार की सारी हदें पार कर दी हैं।’’
भाषा
शफीक पवनेश
पवनेश
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