नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने संसद में दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के फ्री सवारी से जुड़ा जो सवाल पूछा उसने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की इस योजना को सवालिया घेरे में खड़ा कर दिया है. दरअसल, राय के सवाल से केजरीवाल सरकार की योजना लेकर नियत पर सवाल खड़ा हो गया है. राय को दी गई जानकारी में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि अभी तक दिल्ली सरकार ने केंद्र के पास इससे जुड़ा कोई प्रस्ताव ही नहीं भेजा है.
तृणमूल कांग्रेस सांसद राय ने इससे जुड़े पांच सवाल पूछे. सौगात राय ने पूछा कि क्या केंद्र के पास महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त सफर के लिए कोई योजना है. अगर है तो इसके बारे में जानकारी दी जाए? क्या दिल्ली सरकार ने केंद्र के पास इस योजना से जुड़ा कोई प्रस्ताव भेजा है, अगर भेजा है तो जानकारी दी जाए? उन्होंने अपने सवाल में यह भी पूछा कि कमज़ोर तबके से आने वाली महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त सफर क्यों नहीं करने देना चाहिए?
सवालों के जवाब में जो सबसे चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. उसमें बताया गया कि दिल्ली सरकार ने अभी तक इससे जुड़ा प्रस्ताव केंद्र के पास नहीं भेजा है. दरअसल, दिल्ली मेट्रो में केंद्र और दिल्ली सरकार का आधा-आधा हिस्सा है. जून के महीने की शुरुआत में ऐसी घोषणा करने वाली केजरीवाल सरकार लगातार कहती आई है कि वो इस योजना का पूरा ख़र्च वहन करेगी. लेकिन विशेषज्ञों ने दिप्रिंट को जानकारी दी है कि पूरा खर्च वहन करने के बावजूद दिल्ली सरकार को केंद्र को साथ लाना होगा.
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ऐसे में अभी तक केंद्र को इससे जुड़ा प्रस्ताव नहीं भेजा जाना दिल्ली सरकार द्वारा इस योजना को लागू करने की नियत पर गंभीर सवाल खड़े करता है. हालांकि, मामले पर अपने ट्वीट में सीएम केजरीवाल ने लिखा है, ‘हमारे अनुरोध पर दिल्ली मेट्रो ने अपना प्रस्ताव दिया है. सैद्धांतिक तौर पर हम उनसे सहमति रखते हैं. हालांकि, दिल्ली सरकार इसके ब्यौरे का अध्ययन कर रही है.’
On our request, Del Metro has submitted its proposal. In principle, their proposal is agreeable to us. However, Delhi govt is studying its details.
I repeat that, as announced, Delhi govt is committed to provide free metro rides to women https://t.co/urD6haxePo
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 27, 2019
ट्वीट में उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि अपनी घोषणा के मुताबिक दिल्ली सरकार महिलाओं को मुफ्त मेट्रो सफर देने को लेकर प्रतिबद्ध है. केंद्र ने सौगत राय को दी गई जानकारी में ये भी कहा है कि उनकी ख़ुद की भी ऐसी कोई योजना नहीं है. जिसमें महिलाओं को मुफ्त में मेट्रो का सफर कराया जाए. वहीं, केंद्र ने इस सवाल का भी कोई जवाब नहीं दिया है कि आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त सफर की सुविधा क्यों नहीं मिलनी चाहिए.
डीटीसी ने भी हालिया बयान में दिल्ली सरकार को ये कहा है कि फ्री सेवा मेट्रो और बसों में एक साथ शुरू की जाए. उन्होंने ऐसा इसलिए कहा है कि अगर बसों में ये सेवा पहले शुरू हो गई तो इससे बसों पर बोझ बढ़ जाएगा. दिप्रिंट आपको पहले ही बता चुका है कि दिल्ली में बसों की व्यवस्था तार-तार हुई पड़ी है और इस स्कीम को शुरू करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त बसों की संख्या नहीं है.
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केंद्र ने ई-फीडर बसों के लिए दिल्ली सरकार से धन मांगा
कनेक्टिविटी पर जोर देते हुए केंद्र ने दिल्ली सरकार से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्प (डीएमआरसी) द्वारा 427 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए पैसों की मांग की है. सूत्रों ने कहा कि डीएमआरसी ने अपनी फीडर सेवा को बढ़ावा देने के लिए बसों की खरीद के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के तहत पैसों लिए जनवरी 2018 में दिल्ली सरकार को एक प्रस्ताव दिया था. इसके बाद से ये लंबित पड़ा है.
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने दिल्ली के प्रमुख सचिव विजय देव को मामले में हस्तक्षेप करने व डीएमआरसी के प्रस्ताव को जल्द मंजूरी देने के लिए पत्र लिखा. वीजीएफ उन परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए एक फंड है. जो आर्थिक रूप से उचित तो हैं, लेकिन वित्तीय तौर पर व्यावहारिक नहीं हैं. इसे 2004 में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत आने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में सहयोग के लिए शुरू किया गया.
मिश्रा के पत्र में लिखा है, ‘आप अवगत हैं कि एक अच्छी फीडर सेवा के प्रावधानों से अंतिम गंतव्य के लिए कनेक्टिविटी में सुधार निजी परिवहन को हतोत्साहित कर मेट्रो रेल जैसी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करता है.’ उन्होंने कहा ‘दिल्ली में यह एक चुनौती है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है, जिससे यात्रियों को घरों से लेकर कार्यालयों, अस्पतालों, संस्थानों, दुकानों तक आसानी से पहुंच प्रदान की जा सके.’
उन्होंने कहा कि डीएमआरसी ने कहा है कि उसने प्रस्ताव को प्रस्तुत किया है और कई बार इस मुद्दे को उठाया है. दिल्ली में राज्य परिवहन प्राधिकरण ने प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमति दी है. डीएमआरसी ने इस उम्मीद से विभिन्न कारोबारियों से निविदाएं आमंत्रित की हैं कि इन बसों की खरीद को मंजूरी दी जाएगी.
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)