नई दिल्ली: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने रविवार को विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है. इसमें खुदरा बाज़ार में बेची जाने वाली 25 किलोग्राम से अधिक वजन या 25 लीटर से अधिक माप वाली पैक की गई वस्तुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी की घोषणा को अनिवार्य करने का प्रस्ताव है.
इस कदम का उद्देश्य उस खामी को दूर करना है, जिसके तहत वर्तमान में ऐसी थोक पैकिंग पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी), समाप्ति तिथि, निर्माता की जानकारी और मूल देश जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित करने से छूट दी जाती है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “देखा गया है कि 25 किलोग्राम से अधिक वजन वाली पैकेज्ड वस्तुएं भी खुदरा बिक्री के लिए बाजार में उपलब्ध हैं.”
प्रस्तावित संशोधन के तहत निर्माताओं, पैकर्स और आयातकों को खुदरा बिक्री के लिए सभी पूर्व-पैकेज्ड सामानों पर व्यापक लेबलिंग करनी आवश्यक होगा, चाहे उनकी मात्रा कितनी भी हो.
इससे उद्योग जगत में स्पष्टता आने और उपभोक्ताओं को सूचित विकल्प चुनने में सहायता मिलने की उम्मीद है.
मंत्रालय ने प्रस्ताव पर 29 जुलाई तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं.
अगर नए नियम लागू किए जाते हैं, तो वे औद्योगिक या संस्थागत उपभोक्ताओं के लिए पैकेज्ड वस्तुओं पर लागू नहीं होंगे.
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