लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की राह रोकने के लिए तैयार हुए महागठबंधन का हाल कुछ ऐसा होगा शायद इसकी कल्पना सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कभी नहीं की होगी. दरअसल, रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीएसपी के देशभर के अहम नेताओं के साथ बैठक की. इस दौरान मायावती ने महागठबंधन के फ्लाॅप होने का दोष अखिलेश यादव के सर मढ़ दिया.
Bahujan Samaj Party Chief, Mayawati announces that her party will contest all elections alone in the future. pic.twitter.com/76A9WZD2hZ
— ANI UP (@ANINewsUP) June 24, 2019
‘बसपा के बदौलत 5 सीटें जीती सपा’
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में मायावती ने सपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सपा के लोग ये कह रहे हैं कि उनकी बदौलत बसपा 10 सीटें जीती है, तो वो लोग अपने गिरेबां में झांके. सच्चाई ये है कि सपा अगर 5 सीटें भी जीत पाई, तो सिर्फ इसलिए कि बसपा ने उसका साथ दिया. उप-चुनाव में हमें ये दिखाना है कि ये जीत हमारी अकेले की जीत है. जिसका क्रेडिट सपा के लोग ले रहे हैं. मायावती ने कहा कि सपा के लोगों ने चुनाव में धोखा दिया. कई जगहों पर बसपा को सपा के नेताओं ने हराने का काम किया.
‘मुसलमानों को टिकट देने को मना कर रहे थे अखिलेश’
इस दौरान मायावती ने कहा कि धार्मिक ध्रुवीकरण को लेकर समाजवादी पार्टी काफी डरी हुई थी. इसलिए वो खुलकर मुद्दों को उठाने से कतराती रही. लोकसभा चुनाव में हार का जिम्मेदार भी मायावती ने अखिलेश को ही ठहरा दिया. मायावती ये तक कहा कि अखिलेश ने मुझे ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने से मना किया था. उन्होंने मुझसे कहा था कि इससे ध्रुवीकरण होगा और बीजेपी को फायदा हो जाएगा.
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‘अखिलेश ने फोन तक नहीं किया’
मायावती ने अपने नेताओं को बताया कि अखिलेश से कई बार शिकायत की मगर भितरघात होता रहा. अखिलेश ने अपने लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की. नतीजे आने के बाद भी संपर्क किया मगर अखिलेश ने कोई बात नहीं की. मुझे उन्हें बताना चाहिए था कि आप के लोगों ने कहां-कहां सहयोग नहीं किया.अखिलेश यादव पर कड़ा प्रहार करते हुए मायवती ने कहा कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने मुझे कोई फोन नहीं किया. जबकि सतीश चंद्र मिश्रा ने उन्हें फोन कर मुझसे बात करने के लिए कहा था, बावजूद इसके उन्होंने कोई संपर्क नहीं किया.
बैठक में मौजूद सूत्रों की मानें तो माया यहीं नहीं रुकीं. लगातार 25 मिनट तक उन्होंने भाषण दिया. मायवती ने कहा कि मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और काउंटिंग के दिन उन्हें फोन कर परिवार के हारने पर अफसोस भी जताया. 3 जून को जब दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन तोड़ने की बात हुई. तब भी उन्होंने मिश्रा जी को फोन किया. लेकिन, मुझसे कोई बात नहीं की.
अखिलेश सरकार पर भी निशाना साधा
मायावती ने इस दौरान 2012-17 के बीच रही अखिलेश सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अखिलेश के राज में गैर-यादव पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई. इसलिए उन्होंने गठबंधन को वोट नहीं दिया. समाजवादी पार्टी ने दलितों के प्रमोशन का विरोध किया था. इसलिए उन्होंने हमारा विरोध किया. बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष को सपा के बड़े नेता ने हरवाया. उन्होंने अपना वोट बसपा के बजाए बीजेपी को ट्रांसफर करवाया.
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मायावती के इन तमाम आरोपों पर फिलहाल सपा के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. सूत्रों की मानें तो अभी अखिलेश यादव लखनऊ में नहीं हैं. वहीं मुलायम सिंह यादव का मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है. सपा नेताओं संग बैठक के बाद ही अखिलेश इस पर पक्ष रखेंगे. आगामी उपचुनाव में सपा भी अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है.