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Saturday, 23 November, 2024
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पेपर लीक मुद्दे पर राहुल गांधी का केंद्र पर वार, ‘PM इसे रोक नहीं पा रहे या रोकना नहीं चाहते’

यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने को लेकर मचे बवाल के बीच शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि परीक्षा रद्द की गई क्योंकि इसकी सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया था और इस बात पर जोर दिया है कि वह किसी के खिलाफ भी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूजीसी-नेट और नीट-यूजी की परीक्षाओं में कथित पेपर लीक के मुद्दे को लेकर गुरुवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या तो पेपर लीक को रोक नहीं पा रहे या फिर इसे रोकना नहीं चाहते हैं.

मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला करते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि ‘पेपर लीक’ के पीछे का कारण यह है कि सभी कुलपति, शिक्षा प्रणाली पर भारतीय जनता पार्टी के ‘मूल संगठन’ (आरएसएस) का कब्ज़ा है.

राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मैंने विभिन्न संगठनों में संस्थागत कब्जे के बारे में बात की है. यह शिक्षा संस्थानों में हो रहा है. पेपर लीक के पीछे का कारण यह है कि सभी कुलपति, शिक्षा प्रणाली पर भाजपा और उसके मूल संगठन (आरएसएस) का कब्जा है.’’

राहुल गांधी ने कहा कि जब तक भाजपा द्वारा शैक्षणिक संस्थानों पर ‘‘संस्थागत कब्ज़े’’ को वापस नहीं लिया जाता, तब तक पेपर लीक जारी रह सकते हैं.

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता, पेपर लीक होते रहेंगे. मोदी ने इस कब्ज़े को बढ़ावा दिया है. यह एक राष्ट्र विरोधी गतिविधि है क्योंकि यह देश का भविष्य है और देश के युवा इसका खामियाजा भुगत रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह राष्ट्रीय संकट है, यह आर्थिक संकट है, यह शैक्षणिक संकट है, संस्थागत संकट है, लेकिन मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं दिख रही है…बिहार के बारे में हमने कहा है कि जांच होनी चाहिए और पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि केंद्र पेपर लीक से बेपरवाह है, तो राहुल गांधी ने कहा, ‘‘(सरकार की) चुप्पी इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री अपंग हैं. अभी, प्रधानमंत्री का मुख्य एजेंडा स्पीकर का चुनाव है. उन्हें अपनी सरकार और स्पीकर की चिंता है…प्रधानमंत्री मानसिक रूप से टूट चुके हैं और उन्हें इस तरह की सरकार चलाने में संघर्ष करना पड़ेगा. सरकार चलाने का मोदी का विचार लोगों में डर पैदा करना है, लेकिन अब लोग उनसे नहीं डरते. इस चुनाव में मोदी की मूल अवधारणा नष्ट हो गई है. अगर वाजपेयी जी या मनमोहन सिंह जी होते, तो वे बच सकते थे क्योंकि उनमें विनम्रता, सम्मान और समझौता था, लेकिन नरेंद्र मोदी इन सब में विश्वास नहीं करते.’’

यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने को लेकर मचे बवाल के बीच शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि परीक्षा रद्द की गई क्योंकि इसकी सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया था और इस बात पर जोर दिया है कि वह किसी के खिलाफ भी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा.

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के लिए यूक्रेन युद्ध को रोकने के मुद्दे का इस्तेमाल करने के लिए प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हालांकि, भाजपा समर्थकों द्वारा कथित तौर पर कहा गया था कि पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल और गाजा युद्ध को रोक दिया है, लेकिन वह पेपर लीक को रोकने में विफल रहे हैं या रोकना नहीं चाहते हैं.

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ऐसा कहा जा रहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल और गाजा युद्ध को रोक दिया है, लेकिन कुछ कारणों से नरेंद्र मोदी भारत में पेपर लीक को रोकने में सक्षम नहीं हैं या रोकना नहीं चाहते हैं.’’

केंद्र पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला हुआ और अब नरेंद्र मोदी इस व्यापम को पूरे देश में फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.’’

राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान युवाओं से बातचीत के दौरान युवाओं ने देश में बड़े पैमाने पर पेपर लीक होने की अपनी शिकायतें साझा कीं.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान हम मणिपुर से महाराष्ट्र गए और रास्ते में हजारों युवाओं ने शिकायत की कि देश में लगातार पेपर लीक हो रहे हैं. आप सभी ने देखा होगा कि NEET और UGC-NET के पेपर लीक हुए हैं और उनमें से एक को रद्द कर दिया गया है.’’

कांग्रेस ने मोदी सरकार को ‘‘पेपर लीक सरकार’’ करार दिया और पूछा कि क्या शिक्षा मंत्री अब जिम्मेदारी लेंगे.

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने भी NEET में कथित धांधलियों को लेकर सरकार की आलोचना की और पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘‘NEET परीक्षा पर चर्चा’’ कब करेंगे.

NEET-UG 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और परिणाम 14 जून की निर्धारित घोषणा तिथि से पहले 4 जून को घोषित किए गए थे. अनियमितताओं और पेपर लीक का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किए गए थे क्योंकि परिणामों से पता चला था कि 720 के पूर्ण स्कोर के साथ 67 छात्रों ने परीक्षा में टॉप किया था.

शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा 18 जून को आयोजित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC-NET) परीक्षा रद्द कर दी.

एक नई परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए जानकारी अलग से साझा की जाएगी.


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