नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के सुरक्षा बलों पर एक बार और विस्फोटक से भरी गाड़ी से हमला किया जा सकता है. इंटेलिजेंस के इनपुट के आधार पर सुरक्षा बलों ने ये बात कही है.
सुरक्षा एजेंसियों ने दि प्रिंट को बताया कि 19 जून को मिले अलर्ट के अनुसार, सोमवार को दो सैनिकों को मारने वाले हमले से काफी ज्यादा बड़ा होगा.
सूत्रों का कहना था कि उन्होंने ‘बातचीत’ सुनी है जिसके अनुसार जिस गाड़ी से हमले की योजना है उसको पहले ही विस्फोटकों से भर दिया गया है.
सूत्रों का कहना है कि त्राल का महत्व ये है कि वह दक्षिण कश्मीर में स्थित है जहां अन्सार गज़वत-ए-हिंद (एक स्थानीय अल काय़दा का गुट) के प्रमुख ज़ाकिर मूसा की मई में हत्या हुई थी.
गुप्तचर ने दो आतंकियों का नाम लिया था. ‘मुन्ना और इस्माईल’ जो कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे और एक्स्प्लोसिव डिवाइज़ तैयार करने में शामिल थे.
आश्चर्य करने की बात है कि ये चेतावनी शुरू में अल कायदा के हमले की थी और बाद में जैश के आतंकवादियों की पहचान कर रही थी जो कि मूसा के विरोधी थे.
सुरक्षा बलों को भेजी गई चेतावनी में कहा गया था कि ‘ऐसा एक आईईडी शायद 17 जून के पुलवामा हमले में इस्तेमाल किया गया था और वे शायद त्राल क्षेत्र में हो.’
14 फरवरी के पुलवामा आतंकी हमले में, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे, भी जैश की कारस्तानी थी.
कश्मीर में सुरक्षा बलों के बीच कार बमों का खतरा बढ़चा जा रहा है क्योंकि फरवरी से इस तरह के कई हमले या हमले की कोशिश की जा चुकी है.
सूचना पर संदेह
सोमवार के हमले के कुछ दिन पहले, इस्लामाद में भारत के दूतावास को आए एक फोन कॉल में जम्मू कश्मीर में सेना पर आईईडी हमले की चेतावनी दी गई थी.
दि प्रिंट को केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि जो सूचना पाकिस्तान ने औपचारिक और अनौपचारिक रूप से साझा किया है उसे शक के साथ स्वीकार किया गया.
उनका मानना था कि यह सूचना पाकिस्तान द्वारा खेला गया एक और ‘खेल’ हो सकता है ताकि वो अंतर सरकारी फाइनेन्शियल एक्शन टास्क फोर्स को दिखा सकें कि वो आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगा रहे हैं. सूत्र का कहना है कि लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हामीद जो कि ‘छल’ करने के विशेषज्ञ हैं, को आईएसआई प्रमुख नियुक्त करना एक ‘संकेत’ था कि पाकिस्तान ऐसे ही पैंतरे आने वाले दिनों में भी इस्तेमाल करेगा.
एक और कारण ये है कि पाकिस्तान कश्मीर में अल कायदा की गहरी हो रही जड़ों को चिंता से देख रहा है क्योंकि मूसा कश्मीर धाटी के मामले में पाकिस्तान के दखल के खिलाफ था.
पिछले दो सालो में, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और स्थानी पुलिस को पता चला था कि पाकिस्तानी पक्ष हिंसा को और ऊपरी स्तर पर ले जाने की योजना बना रहा था जिसमें घाटी में आईईडी का इस्तेमाल शामिल था. कई सारी गुप्तचर जानकारियों ने आईईडी के खतरे का ज़िक्र किया था.
सुरक्षा महकमे के सूत्र का मानना है कि अगर ये केवल ‘जायजा’ लेने के लिए दी गई सूचना थी फिर भी उनको डर है कि एक बड़ा हमला होने वाला है.
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