scorecardresearch
Tuesday, 19 November, 2024
होमदेशअर्थजगतउपग्रह-संचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन पर ट्राई की राय मांगेगा दूरसंचार विभाग

उपग्रह-संचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन पर ट्राई की राय मांगेगा दूरसंचार विभाग

Text Size:

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) दूरसंचार विभाग ‘सबके लिए निष्पक्ष’ उपग्रह-संचार सेवाएं सुनिश्चित करने को स्पेक्ट्रम आवंटन की शर्तों पर जल्द ही दूरसंचार नियामक ट्राई से सलाह लेगा। एक सरकारी सूत्र ने बुधवार को यह जानकारी दी।

इस पूरी कवायद का मकसद उपग्रह-आधारित संचार के संदर्भ में सभी को समान अवसर सुनिश्चित करना है।

सूत्र ने कहा कि इस समय दूरसंचार विभाग स्पेक्ट्रम आवंटन की संदर्भ शर्तों पर काम कर रहा है। इसमें सुरक्षा के लिहाज से अनुकूल रेडियो फ्रीक्वेंसी, मूल्य निर्धारण और लाइसेंस की शर्तें जैसे पहलू शामिल होंगे।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने छह अप्रैल, 2023 को ‘अंतरिक्ष आधारित संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के आवंटन’ पर एक परामर्श पत्र जारी किया था।

बाद में नए दूरसंचार अधिनियम की घोषणा के बाद इस मामले को दूरसंचार विभाग को वापस कर दिया था।

आधिकारिक सूत्र ने कहा, ”हमने साफ तौर पर कहा है कि ट्राई स्पष्ट, खुले और पारदर्शी तरीके से खुली चर्चा एवं परामर्श करेगा और एक ऐसे मूल्य निर्धारण या व्यवस्था पर पहुंचेगा, जो पारदर्शी और सबके लिए निष्पक्ष होगी।”

सूत्र ने कहा कि ऐसे स्पेक्ट्रम का आवंटन तब होगा, जब ट्राई मूल्य निर्धारण पर अपने विचार देगा।

उन्होंने कहा, ”परामर्श की नयी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हमने ट्राई के लिए अपना संदर्भ लगभग तैयार कर लिया है, जो कुछ हफ्तों में जारी हो जाएगा।”

उपग्रह संचार प्रौद्योगिकी (सैटकॉम) सेवा प्रदाताओं को दूरदराज के क्षेत्रों या कठिन इलाकों में इंटरनेट संपर्क सुनिश्चित करने में सक्षम बनाती है।

भारती समूह समर्थित वनवेब, रिलायंस समूह का जियो सैटकॉम और एलन मस्क के स्टारलिंक जैसे उद्यम भारत में इन सेवाओं की पेशकश करने के इच्छुक हैं।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments