सिंगापुर, 17 अप्रैल (भाषा) वरहा क्लाइमेटएजी प्राइवेट लिमिटेड 2028 तक 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में छोटे भारतीय किसानों के साथ काम करने और कार्बन क्रेडिट बिक्री से राजस्व उत्पन्न करने पर विचार कर रही है।
‘इकोस्पेरिटी वीक’ के मौके पर वरहा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं सह-संस्थापक मधुर जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में उपसहारा और एशिया में करीब एक अरब हेक्टेयर कृषि भूमि पर छोटे किसानों के साथ काम करने की क्षमता को रेखांकित किया।
‘इकोस्पेरिटी वीक’ 15 से 17 अप्रैल तक सिंगापुर में आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि हम 2028 तक 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में काम करेंगे, खासकर छोटी कृषि भूमि वाले किसानों के साथ और कार्बन क्रेडिट राजस्व उत्पन्न करेंगे।’’
गुरुग्राम स्थित वरहा ने बांग्लादेश और नेपाल के साथ-साथ केन्या में भी काम करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम इन तीन देशों में 30,000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर काम कर रहे हैं। अभी केन्या में शुरुआत ही की है।’’
जैन ने कहा, ‘‘ जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा छोटे किसान प्रभावित हैं।’’
वैश्विक उत्सर्जन में कृषि और संबद्ध उद्योग की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भाषा निहारिका
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