नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) ब्रिक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (ब्रिक्स सीसीआई) ने कहा है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) क्षेत्रों में भारतीय महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, लेकिन नेतृत्व और उद्यम पूंजी वित्तपोषण हासिल करने में उनके समक्ष चुनौतियां हैं। महिलाओं की अगुवाई वाले स्टार्टअप को कुल वित्तपोषण का केवल 0.3 प्रतिशत ही मिल पा रहा है।
उद्योग मंडल की महिला सशक्तीकरण इकाई ‘ब्रिक्स सीसीआई वी’ ने ‘ब्रिक्स का नया युग: महिला सशक्तीकरण के लिए प्रौद्योगिकी और कारोबार में फलक’… शीर्षक से जारी एक विशेष रिपोर्ट में यह कहा है। इसमें यह भी कहा गया है कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और आर्थिक तथा सामाजिक वृद्धि को हासिल करने में महिला सशक्तीकरण महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट में ब्रिक्स सदस्य देश भारत के बारे में कहा गया है, ‘‘ विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) क्षेत्रों में भारतीय महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन नेतृत्व भूमिका और उद्यम पूंजी जुटाने में उनके समक्ष चुनौतियां भी हैं। महिलाओं की अगुवाई वाली स्टार्टअप इकाइयों को कुल वित्तपोषण का केवल 0.3 प्रतिशत ही मिल पा रहा है।’’
शीएटवर्क और ‘नॉलेज पार्टनर’ के तौर पर टेकआर्क के सहयोग से तैयार की गयी रिपोर्ट में ब्रिक्स देशों में महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी एवं उद्यमशीलता परिदृश्य की स्थिति के साथ प्रगति एवं मौजूदा चुनौतियों दोनों को प्रस्तुत किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) का विस्तार किया गया जिससे यह समूह विश्व की 47 प्रतिशत आबादी और 36 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का प्रतिनिधित्व करने वाला बन गया। यह इसकी बढ़ती विविधता एवं प्रभाव को बताता है।
ब्रिक्स में पांच देशों के अलावा सऊदी अरब, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि ब्रिक्स देश स्त्री-पुरूष समानता पहल को लेकर प्रतिबद्ध हैं। ये देश महिलाओं के प्रौद्योगिकी के स्तर पर सशक्तीकरण एवं उद्यमशीलता के महत्व को अच्छी तरह समझते है। साथ ही ये डिजिटल समावेश को पासा पलटने वाले एक कारक मानते हैं।
ब्रिक्स सीसीआई वी की अध्यक्ष एवं शीएटवर्क डॉट कॉम की संस्थापक रूबी सिन्हा ने कहा, “… ब्रिक्स में नए सदस्यों के शामिल होने और वैश्विक आबादी एवं अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व होने के साथ यह अनिवार्य हो जाता है कि हम प्रौद्योगिकी और कारोबार के क्षेत्रों में स्त्री-पुरुष समानता की पहल को प्राथमिकता दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विश्वभर में महिलाओं के लिए उज्ज्वल, अधिक न्यायसंगत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए नवप्रवर्तन एवं उद्यमशीलता की ताकत का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।’’
ब्रिक्स सीसीआई की संयुक्त निदेशक अंकिता सचदेवा ने कहा, “2023 में ब्रिक्स के विस्तार के साथ यह स्पष्ट है कि प्रौद्योगिकी और कारोबार क्षेत्रों में स्त्री-पुरुष समानता की पहल पूर्व के मुकाबले कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। हमें ऐसी नीतियों और कार्यक्रमों की सतत वकालत करते रहना होगा जो संसाधन, अवसर और मार्गदर्शन तक महिलाओं की पहुंच का समर्थन करे।”
भाषा रमण अजय
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