नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि वह आम किसानों को सीधे ऋण न देकर ग्रामीण विकास से जुड़े वित्तीय संस्थानों और सहकारी समितियों को वित्तीय मदद मुहैया कराता है।
नाबार्ड ने यह स्पष्टीकरण सीधे किसानों को डेयरी ऋण दिए जाने संबंधी भ्रामक सूचना प्रसारित होने के बाद दिया है। कुछ मंचों से कहा जा रहा था कि नाबार्ड डेयरी विकास के लिए सीधे किसानों को कर्ज दे रहा है।
ऐसी सूचनाएं सामने आने के बाद किसानों ने नाबार्ड से कर्ज के लिए संपर्क करना शुरू किया तो उसे इस मामले के बारे में पता चला।
नाबार्ड ने इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘एक शीर्ष विकास वित्त संस्थान के रूप में नाबार्ड ग्रामीण विकास में शामिल विभिन्न वित्तीय संस्थानों और सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता देता है। यह आम किसानों को सीधे ऋण नहीं देता है।’’
बयान के मुताबिक, सभी हितधारकों, विशेषकर किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। उनसे आग्रह किया जाता है कि किसी गलत सूचनाओं पर भरोसा करने या उनका प्रचार करने से परहेज करें।
इसमें कहा गया कि असत्यापित जानकारी से वित्तीय जोखिम और गलतफहमी पैदा हो सकती है। सही जानकारी नाबार्ड की आधिकारिक वेबसाइट ‘नाबार्ड डॉट ओआरजी’ से जुटाई जा सकती है।
बयान के मुताबिक, नाबार्ड स्थायी आजीविका के लिए विभिन्न पहल और योजनाओं के जरिये ग्रामीण विकास और कृषि को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है।
भाषा पाण्डेय प्रेम अजय
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