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Tuesday, 19 November, 2024
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हरियाणा के पूर्व CM भजनलाल को इंगित करता BJP नेता खट्टर ने सुनाया किस्सा, कुलदीप और बिश्नोई समाज नाराज़

भाजपा नेता खट्टर ने एक किस्सा सुनाया जिसमें ज़ाहिर तौर पर हरियाणा के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल बिश्नोई का ज़िक्र है और यह उनके बेटे कुलदीप और समुदाय को पसंद नहीं आया.

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गुरुग्राम: ऐसे समय में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई पार्टी द्वारा स्पष्ट रूप से दरकिनार किए जाने के कारण पहले से ही नाराज़ हैं, इस बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उनके दिवंगत पिता भजन लाल पर की गई टिप्पणियों ने न केवल उन्हें बल्कि उनके पूरे बिश्नोई समाज को और आहत कर दिया है.

बिश्नोई समुदाय हरियाणा के हिसार और सिरसा लोकसभा क्षेत्रों और राजस्थान के कम से कम चार निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव परिणामों को प्रभावित करता है.

भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला के समर्थन में बुधवार को हिसार सीट के तहत आने वाले कैमरी गांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खट्टर ने बगैर नाम लिए एक किस्सा सुनाया, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें भजन लाल का संदर्भ है और जब वे हरियाणा के पूर्व सीएम (1979 से 1986 तक, फिर 1991 से 1996 तक) थे, तब वे अपने विरोधियों के बीच बहुत लोकप्रिय थे. यह किस्सा सच था या नहीं, यह पता नहीं है.

खट्टर ने रैली में कहा, “मैं आपको एक पुरानी घटना बता रहा हूं. हालांकि, मैं इसमें शामिल नेता का नाम नहीं बताऊंगा. इस क्षेत्र का एक व्यक्ति चंडीगढ़ में अपने नेता के पास गया और शिकायत की कि गांव के पटवारी (लेखाकार) ने उससे फर्द (गांव में ज़मीन रिकॉर्ड की प्रतिलिपि) जारी करने के लिए 100 रुपये रिश्वत ली है. नेता ने पूछा कि चंडीगढ़ आने के लिए उस आदमी ने कितना खर्च किया. उस व्यक्ति ने कहा कि वे हिसार जिले से आया है और चंडीगढ़ आने के लिए उसके 200 रुपये लगे और दो कार्य दिवस भी बर्बाद हुए. नेता ने उस व्यक्ति को डांटा और कहा कि जब उसने कम राशि (रिश्वत के रूप में) देकर अपना काम करवाया था, तो उसने चंडीगढ़ आने के लिए 200 रुपये क्यों बर्बाद किए.” उन्होंने कहा कि ऐसी मानसिकता होती थी हरियाणा में नेताओं की.

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, उन्होंने इस किस्से में शामिल नेता का नाम नहीं बताया है, लेकिन वे चाहेंगे कि भीड़ में से जिन लोगों ने यह कहानी सुनी है वे अपने हाथ उठाएं.

न केवल भीड़ में बल्कि मंच पर बैठे नेताओं में से भी कई हाथ ऊपर उठे. खट्टर ने पूछा, “इतने लोगों ने सुन रखा है! बोलो बात सच थी के नहीं?”

भाजपा नेता और पूर्व सीएम ने अगले दिन फतेहाबाद में एक रैली में लोगों को यह कहकर स्थिति को संभालने की कोशिश की कि उनके भजन लाल के साथ अच्छे संबंध थे और पिछले दिन उनके शब्दों को सोशल मीडिया पर “गलत तरीके से पेश” किया गया.

खट्टर ने कहा, “चौधरी भजनलाल के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध थे. हम घंटों साथ बैठकर गपशप करते थे. मैंने कल ही अपने भाषण में बताया था कि भ्रष्टाचार मिटाने के लिए हम कैसे योजनाएं बनाते थे. आज अगर हम भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सक्षम हैं, तो यह भजनलाल के कारण है, जो इससे दुखी थे.”

बिश्नोई समाज फिर भी नाराज़ है और पिछले महीने जब से भाजपा ने हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है तब से बिश्नोई खुद भी मीडिया के प्रति प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं.

हिसार के पूर्व सांसद बिश्नोई अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. वे इस साल हिसार से भाजपा के टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन इसके बजाय राज्य मंत्री चौटाला को टिकट दे दिया गया.

दिप्रिंट ने शुक्रवार को बिश्नोई से उनकी टिप्पणियों के लिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर की गई कॉल का जवाब नहीं दिया. हालांकि, उनके करीबी एक सूत्र ने कहा कि खट्टर की टिप्पणियों ने न केवल बिश्नोई के परिवार को निराश किया है, बल्कि पूरे हरियाणा और राजस्थान में बिश्नोई समुदाय को नाराज कर दिया है.

सूत्र ने कहा, “बिश्नोई समाज के सदस्यों के लिए चौधरी भजन लालजी गुरु जम्भेश्वर के बाद हैं, जिन्हें जाम्भोजी भी कहा जाता है, जिन्होंने 1485 ईस्वी में 29 सिद्धांतों (बिश्नोई शब्द बीस (20) तथा नोई 9 के जोड़ से आया है) निर्धारित करके बिश्नोई संप्रदाय की स्थापना की. यह समुदाय हिसार और सिरसा और राजस्थान में कम से कम चार लोकसभा सीटों पर चुनाव परिणामों को प्रभावित करता है.” सूत्र ने कहा, “जिस तरह से खट्टर ने हमारे श्रद्धेय दिवंगत नेता के बारे में अपमानजनक बातें कीं, उससे समुदाय में गलत संदेश गया है.”


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‘अगर कांग्रेस ने चंद्रमोहन को टिकट दिया तो दिलचस्प होगा’

यह पूछे जाने पर कि बिश्नोई चौटाला के चुनाव प्रचार में शामिल क्यों नहीं हैं, सूत्र ने कहा कि पूर्व सांसद इंतज़ार करना चाहते थे और देखना चाहते थे कि क्या भाजपा नेतृत्व किसी तरह से उनका पुनर्वास करेगा.

उन्होंने कहा कि जहां तक ​​हिसार में बिश्नोई समुदाय का सवाल है, वे कांग्रेस द्वारा अपने उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार कर रहे थे.

सूत्र ने कहा, “अगर कांग्रेस चंद्र मोहन (बिश्नोई के भाई) को हिसार से मैदान में उतारती है, तो मुकाबला बहुत दिलचस्प होने वाला है.”

बिश्नोई और उनके बेटे और आदमपुर विधानसभा सीट से विधायक भव्य बिश्नोई ने अब तक चौटाला के अभियान से दूरी बना रखी है. जबकि भाव्या को अभी तक भाजपा उम्मीदवार के प्रचार के लिए आना बाकी है, भव्य केवल 28 मार्च को मौजूद थे जब सीएम नायब सिंह सैनी और खट्टर ने हिसार में चौटाला के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया था.

इससे पहले बिश्नोई ने 25 मार्च को एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने समर्थकों से बीजेपी उम्मीदवार के लिए वोट करने को कहा था. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने समर्थकों से फोन आ रहे हैं जो ज़ाहिर तौर पर उन्हें टिकट नहीं दिए जाने से नाराज़ हैं.

बिश्नोई और भजन लाल ने पहले एक-एक बार हिसार सीट जीती है, जबकि बिश्नोई और भव्या ने क्रमशः 2014 और 2019 में इस सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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