(तस्वीर के साथ)
मुंबई, पांच अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) लेन-देन संख्या दिसंबर 2023 में 10 लाख पार कर गयी लेकिन उसके बाद इसमें कमी आई है।
शंकर ने कहा कि प्रायोगिक आधार पर एक दिसंबर 2022 को सीबीडीसी पेश किये जाने के बाद से लेन-देन की कुल संख्या 2.2 करोड़ तक पहुंच गई है। इसमें प्रतिभागियों की संख्या 50 लाख हो गयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘संख्या पहले जैसी नहीं रही है, उसमें कमी आई है।” एक दिन में 10 लाख का लक्ष्य लोकप्रिय यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) मंच के साथ जोड़े जाने जैसे उपायों के कारण पहले ही पूरा कर लिया गया था।’’
एक खबर के अनुसार बैंकों ने दिसंबर में डिजिटल रुपये का उपयोग कर कर्मचारी लाभ वितरित किये। इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 10 लाख दैनिक लेनदेन के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिली।
शंकर ने कहा कि अभी सीबीडीसी में 46 लाख उपयोगकर्ता और चार लाख कारोबारी लेनदेन कर रहे हैं। जैसे-जैसे सीबीडीसी की स्वीकार्यता बढ़ रही है, व्यक्तियों और कारोबारियों के बीच (पी2एम) होने वाले लेनदेन में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘अधिक कारोबारियों के आने के साथ संख्या पी2पी (कारोबारियों के बीच) से पी2एम की ओर स्थानांतरित हो रही है।’’
शंकर ने यह भी कहा कि सीबीडीसी पर एक सुविधा शुक्रवार को शुरू हुई। विशेष रूप से तैयार इस सुविधा के तहत एक किसान को कृषि कच्चा माल खरीदने के लिए धन हस्तांतरित किये गये।
उन्होंने कहा कि बैंक के भीतर एक उपयोगकर्ता समूह के बीच हाल में विकसित ‘ऑफलाइन’ सीबीडीसी उपयोग मामलों का परीक्षण जारी है। इसे बाद में लोगों के लिए शुरू किया जाएगा।
इससे पहले, आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए भुगतान सेवा प्रदाताओं समेत गैर-बैंक भुगतान प्रणाली संचालकों को इसके व्यापक इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वॉलेट का प्रस्ताव किया।
इस कदम से विभिन्न माध्यमों से लेनदेन व्यवस्थित करने के लिए सीबीडीसी मंच की मजबूती के परीक्षण की सुविधा मिलेगी।
भाषा रमण निहारिका
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