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नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा कि थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति में नगण्य वृद्धि को देखते हुए इस वित्त वर्ष 2024-25 में आवश्यक दवाओं की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।
समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ के राष्ट्रीय राजधानी स्थित मुख्यालय में संपादकों के साथ बातचीत में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने आश्वासन दिया कि यह ‘‘मोदी जी की गारंटी’’ है।
आवश्यक दवाओं की दरों में बढ़ोतरी की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह बिल्कुल गलत है। दवाओं की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।’’
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) सालाना थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर अनुसूचित दवाओं की अधिकतम कीमतों में संशोधन करता है।
एनपीपीए, भारत सरकार के रसायन व उर्वरक मंत्रालय के रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के अधीन काम करता है।
मांडविया ने कहा, ‘‘ एनपीपीए डब्ल्यूपीआई के आधार पर आवश्यक दवाओं की निगरानी और कीमतें तय करता है।’’
मंत्री ने कहा कि जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो इससे कीमतों में बढ़ोतरी होती है और जब यह नीचे आती है तो दाम कम हो जाते हैं।
मांडविया ने कहा, ‘‘ इस साल महंगाई नहीं बढ़ी है। यह सिर्फ 0.005 है। इसलिए कंपनियां इस साल कीमतें नहीं बढ़ाएंगी। यह मोदी जी की गारंटी है।’’
औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ) 2013 के प्रावधानों के अनुसार, दवाओं को अनुसूचित तथा गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। डीपीसीओ 2013 की अनुसूची- I में सूचीबद्ध फॉर्मूलेशन, अनुसूचित फॉर्मूलेशन हैं जिन्हें आवश्यक दवाएं भी कहा जाता है।
मंत्री ने कहा कि गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन के मामले में, एक निर्माता कीमत तय करने के लिए स्वतंत्र है। इस वित्त वर्ष में आवश्यक दवाओं की कीमतें नहीं बढ़ेंगी।
गौरतलब है कि भारतीय दवा उद्योग पिछले 30 साल में प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं के निर्माण में अग्रणी बन गया है।
भाषा निहारिका अजय
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