नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि घरेलू बिक्री बढ़ने से मार्च के महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11.5 प्रतिशत बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया।
इसके साथ ही समूचे वित्त वर्ष (अप्रैल 2023-मार्च 2024) में कुल जीएसटी संग्रह 20.18 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की तुलना में 11.7 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘‘जीएसटी राजस्व मार्च, 2024 के लिए सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपये के दूसरे उच्चतम स्तर पर रहा। यह उछाल घरेलू लेनदेन में 17.6 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि से प्रेरित था।’’
अबतक का सर्वाधिक जीएसटी मासिक संग्रह अप्रैल, 2023 में 1.87 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया था।
समाप्त वित्त वर्ष के लिए औसत मासिक सकल संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।
विशेषज्ञों ने कहा कि मासिक जीएसटी संग्रह में दहाई अंक की वृद्धि अर्थव्यवस्था की जुझारू क्षमता को दर्शाती है और अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करती है।
मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2023-24 में जीएसटी संग्रह ने ‘लगातार मजबूत प्रदर्शन’ दिखाया है और वित्त वर्ष में 11.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 20.18 लाख करोड़ रुपये का कुल जीएसटी संग्रह एक ‘मील का पत्थर’ है।
मार्च, 2024 तक रिफंड के बाद शुद्ध जीएसटी राजस्व 18.01 लाख करोड़ रुपये है, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 13.4 प्रतिशत अधिक है।
हाल ही में समाप्त वित्त वर्ष में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 3.76 लाख करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी संग्रह 4.71 लाख करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी संग्रह 10.27 लाख करोड़ था। इसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 4.83 लाख करोड़ रुपये भी शामिल थे।
उपकर संग्रह 1.44 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 11,915 करोड़ रुपये भी शामिल थे।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि लगातार दहाई अंक की वृद्धि के साथ केंद्रीय जीएसटी संग्रह वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान से अधिक हो गया है लेकिन जीएसटी मुआवजा उपकर प्रवाह में मामूली कमी आई है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया में साझेदार प्रतीक जैन ने कहा कि पिछले साल की तुलना में मासिक जीएसटी संग्रह में दहाई अंक की वृद्धि होने से यह अचरज नहीं होगा कि नई सरकार आम बजट पेश होने पर नए वित्त वर्ष के लक्ष्य को संशोधित कर दे।
डेलॉयट इंडिया में साझेदार एम एस मणि ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड कर संग्रह सभी क्षेत्रों में आर्थिक पुनरुत्थान को दर्शाता है। यह जीएसटी अनुपालन में सुधार और कर अपवंचना रोकने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों से हो पाया है।
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