नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) भारतीय कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में निजी नियोजन के आधार पर बॉन्ड जारी करके 9.41 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं।
कर्ज की मांग में वृद्धि के बीच यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक रहा।
अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भी तेजी बनी रहेगी, क्योंकि कंपनियां चुनाव नतीजों के बाद पूंजीगत व्यय के लिए पूंजी जुटाना जारी रखेंगी।
जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड की प्रबंध निदेशक और इक्विटी कैपिटल मार्केट की प्रमुख नेहा अग्रवाल ने कहा, ‘‘व्यापार के अनुकूल सुधारों और व्यापक आर्थिक स्थिरता से समर्थित आर्थिक वृद्धि के अभूतपूर्व युग में, भारत 2027 तक वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।’’
उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में, उम्मीद है कि प्राथमिक पूंजी के नजरिसे से वित्त वर्ष 2024-25 भी एक बहुत मजबूत वर्ष होगा और कंपनियां चुनाव नतीजों के बाद पूंजीगत व्यय के लिए पूंजी जुटाना जारी रखेंगी।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.