कोलकाताः लोकसभा चुनाव में हुई भाजाप और टीएमसी के कार्यकर्ताओं की झड़प के दौरान बंगाल के जाने-माने समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की तोड़ी गई प्रतिमा का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को हरे स्कूल मैदान में फिर से अनावरण किया. प्रतिमा को तोड़ी गई जगह पर स्थापित करने के लिए एक मार्च निकाला गया जिसमें सीएम ममता ने हिस्सा लिया. प्रतिमा को ईश्वर चंद्र विद्यासागर कालेज परिसर में पहले की जगह पर फिर से स्थापित कर दिया गया है.
वहीं इससे पहले पीएम मोदी ने भी वहां पंचधातु की प्रतिमा स्थापित करने की बात कह चुके हैं.
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee in Kolkata: Every state has its own heritage & language. It's our India. But BJP will not decide the fate of the state. They will say Tamil Nadu ko ab Hindi seekhna hai, arey ab koi Hindi seekhne ka course thodi karega. This is not done. pic.twitter.com/rsQK1u5IWI
— ANI (@ANI) June 11, 2019
Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee on her way to Vidyasagar College where she will install the bust of Ishwar Chandra Vidyasagar in the college premises. pic.twitter.com/pfUA5yI2q9
— ANI (@ANI) June 11, 2019
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं, पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्रियों, साथ ही कुछ आध्यात्मिक नेताओं ने, समाज-सुधारक विद्यासागर के मूर्ति के अनावरण के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इवेंट शेड्यूल के अनुसार, अनावरण की गई मूर्ति अब यहां से विद्यासागर कॉलेज में ले जाई जाएगी, जहां इसे उसी स्थान पर फिर से स्थापित किया जाएगा, जहां राजनीतिक संघर्ष के दौरान मई में ऐसी ही मूर्ति तोड़ी गई थी.
Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee installs the bust of Ishwar Chandra Vidyasagar and unveils his statue at Vidyasagar College. pic.twitter.com/VU9Kz5TERi
— ANI (@ANI) June 11, 2019
इसके अलावा, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी विद्यासागर कॉलेज में मूर्ति की फिर से स्थापना कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मार्च करेंगी.
14 मई को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान विद्यासागर कॉलेज में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में 19वीं सदी के समाज सुधारक विद्यासागर की मूर्ति तोड़ दी गई थी.
वहीं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 मई को, विद्यासागर की उसी जगह पर एक भव्य ‘पंच धतु’ (पवित्र महत्व के पारंपरिक पांच धातु के अलॉय) की प्रतिमा बनाने का वादा किया था, जहां पुरानी मूर्ति तोड़े जाने के पहले थी. हालांकि, बनर्जी ने इस प्रस्ताव को सार्वजनिक तौर पर इस दावे के साथ खारिज कर दिया था कि उनके राज्य के पास स्ट्रक्चर के लिए पर्याप्त धन है.
पश्चिम बंगाल सूचना और सांस्कृतिक विभाग के अनुसार, विद्यासागर की 200 वीं जयंती के लिए समिति के सहयोग से राज्य के उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आज मूर्ति को फिर से स्थापित करने से संबंधित कार्यक्रम आयोजित हो रहा है.
विद्यासागर, जिन्होंने भारतीय समाज में बहुत सुधार लाए हैं, को अक्सर एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता है जो अपने समय से आगे थे. ज्यादातर को पारंपरिक समाज में विधवा-पुनर्विवाह की अवधारणाओं को पेश करने में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है, उन्हें एक दार्शनिक, लेखक, सुधारक, प्रिंटर और परोपकारी के रूप में जाना जाता है.
क्या था मामला
गौरतलब है कि 14 मई को कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रोड शो किया था. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प हुई थी. इस राजनीतिक हिंसा में 19वीं शताब्दी के समाज सुधारक ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति टूट गई थी. इसके बाद दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे हैं.
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट्स के साथ)