नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने शुक्रवार को कहा कि भारत एक टन कृषि फसल पैदा करने के लिए कई विकासशील देशों के मुकाबले 2-3 गुना अधिक पानी का उपयोग करता है।
उन्होंने कहा कि कई विकसित और विकासशील देशों ने कृषि क्षेत्र में बेहतर जल प्रबंधन पर जोर दिया है।
धानुका एग्रीटेक लिमिटेड द्वारा विश्व जल दिवस 2024 के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कृषि क्षेत्र में जल के बेहतर प्रबंधन पर जोर दिया।
चंद ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और आय वृद्धि के कारण भोजन और पानी की मांग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि चावल जैसी अधिक पानी की खपत वाली फसलों को प्राथमिकता देने के कारण भी पानी की मांग बढ़ रही है। धान का रकबा बढ़ा है।
नीति आयोग के सदस्य ने बताया कि बारिश नहीं होने पर रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) फसलों का कुल रकबा बढ़ गया है।
चंद ने बेहतर जल प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ‘भारत कई विकसित और विकासशील देशों की तुलना में एक टन फसल पैदा करने के लिए 2-3 गुना अधिक पानी का उपयोग करता है।’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को स्थानीय पर्यावरण और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप खेती को बढ़ावा देना चाहिए।
केंद्रीय कृषि आयुक्त पी के सिंह ने कहा, ‘जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से, हम सतही जल के अधिकतम उपयोग के तरीके तलाश रहे हैं।’
धानुका समूह के चेयरमैन आर जी अग्रवाल ने कृषि कार्यों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने की पुरजोर वकालत की।
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
पाण्डेय
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