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Friday, 22 November, 2024
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क्या ममता दीदी को फिर से सत्ता दिला पाएंगे प्रशांत किशोर, ये उनकी भी अग्नि परीक्षा होगी

इससे पहले प्रशांत किशोर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिदर सिंह, आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में जगनमोहन रेड्डी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और भाजपा के लिए भी कार्य कर चुके हैं.

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नई दिल्ली: राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल में गुरुवार को वहां की सीएम ममता बनर्जी से लंबी मुलाकात की है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार प्रशांत किशोर आधिकारिक रूप से ममता बनर्जी के साथ काम करना शुरू करने जा रहे हैं. वह अगले महीने से उनके लिए आधिकारिक तौर पर काम करना शुरू कर देंगे. अब प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करेंगे. बता दें कि इससे पहले प्रशांत किशोर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिदर सिंह, आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में जगनमोहन रेड्डी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और भाजपा के लिए भी कार्य कर चुके हैं.

बता दें कि बिहार में 15 जनवरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी में शामिल कर सभी को चौंका दिया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने जिस तरह से भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान संभाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काम किया था उसके बाद वह रातों रात प्रसिद्ध हो गए.  वह प्रशांत किशोर ही थे जिन्होंने थ्री-डी तकनीकी का उपयोग कर रैली और चाय पे चर्चा कर भारतीय जनता पार्टी को नए स्थान पर पहुंचा दिया था.

2017 के यूपी के विधानसभा चुनाव में पीके कांग्रेस के रणनीतिकार थे. रिजल्ट सबको पता है. प्रशांत किशोर शांत हैं, मीडिया से ज्यादा इंटरैक्ट नहीं करते, गंभीरता ओढ़े रहते हैं. भले ही प्रशांत मोदी से लेकर जगन रेड्डी तक की जीत की इबारत लिखते रहे हैं लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस पार्टी के लिए संजीवनी नहीं बन सके थे

हार रहे नेता और पार्टी को जिताने वाले बन चुके हैं प्रशांत किशोर

पिछले दिनों हुए आंध्र प्रदेश लोकसभा और विधानसभा में हुए दोनों चुनावों में वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया जगनमोहन रेड्डी की जबरदस्त जीत के पीछे भी प्रशांत किशोर का ही हाथ और स्ट्रैटिजी बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि इसमें प्रशांत किशोर ने अहम भूमिका निभाई थी.

प्रशांत किशोर और भाजपा के बीच दूरी 2014 के बाद से ही बढ़ने लगी थी. उसके बाद किशोर ने बिहार का रुख किया और 2015 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए लालू और नीतीश की महागठबंधन के लिए काम किया. और हिचकोले खा रही पार्टी को गंगा पार भी कराया. उसके तुरंत बाद ही किशोर जदयू में शामिल हुए और सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया. लेकिन पार्टी में चली उठापटक के बीच एक बार फिर नीतीश और किशोर के बीच की दूरियां बढ़ीं और प्रशांत पार्टी के इतर अपनी चुनाव जिताने वाली स्ट्रैटिजी पर जुट गए और उन्होंने पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव में जगनमोहन रेड्डी को भारी बहुमत से जिताकर साबित कर दिया कि वह क्या कर सकते हैं.

पश्चिम बंगाल में जिस तरह से आम चुनाव में हार मिली और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छवि खराब की जा रही है और उनके वीडियो वायरल हुए उसके बाद प्रशांत किशोर का ममता बनर्जी के लिए 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए स्ट्रैटिजी तैयार करने के लिए कांट्रैक्ट लेना यह बता रहा है कि ममता बनर्जी समझ चुकी हैं कि उनकी स्थिति यहां खराब हो रही है. 2014 के आम चुनाव में महज दो सीटें जीतने वाली भाजपा ने ममता के गढ़ में जिस तरह से सेंध लगाई है और 18 सीटों पर कब्जा किया है वह ममता की सरकार के हिलने की तरफ इशारा कर रहा है.

अब देखना यह होगा कि ममता दीदी के लिए प्रशांत किशोर कितना चमत्कारी साबित होते हैं. क्योंकि पिछले पांच सालों में उन्होंने जिस भी पार्टी और नेता के लिए योजना बनाई है. वह सफल हुई और वह उस पार्टी की सफलता की कुंजी बने हैं. लेकिन यह देखना रुचिकर होगा कि चुनाव की रणनीति तैयार करने वाला यह प्रशांत किशोर 2021 के बंगाल विधान सभा चुनाव में ममता दीदी को फिर से सत्ता दिलाने के लिए क्या रणनीति बनाता है और क्या दीदी जीत पाएंगी.

प्रशांत किशोर का जन्म साल 1977 में बिहार के बक्सर जिले में हुआ. प्रशांत के पिता डॉ. श्रीकांत पांडे पेशे से चिकित्सक हैं और बक्सर में मेडिकल सुपरिटेंडेंट भी रह चुके हैं. वहीं मां इंदिरा पांडे हाउस वाइफ हैं.

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