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Tuesday, 8 October, 2024
होमखेलहारेंगे तो भी यहां से बहुत कुछ सीखकर जाएंगे: मोदी ने युवा खिलाड़ियों से कहा

हारेंगे तो भी यहां से बहुत कुछ सीखकर जाएंगे: मोदी ने युवा खिलाड़ियों से कहा

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गुवाहाटी, 19 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों के उद्घाटन के दौरान  देश के युवा खिलाड़ियों को हार से ‘चिंतित’ होने की जगह इसे ‘सीखने के अवसर’ के रूप में लेने की सलाह दी।

 इन खेलों के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए मोदी ने  गुवाहाटी में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भव्य छवि बनाने के लिए उनकी सराहना की।

प्रधानमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ आप जमकर खेलिए, डटकर खेलिए, खुद जीतिए, अपनी टीम को जिताइए, और हार गए तो भी तनाव नहीं लेना है। हारेंगे तो भी यहां से बहुत कुछ सीख कर जाएंगे।’’

खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में आयोजित किए जा रहे हैं। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की मौजूदगी में सोमवार को इन खेलों का उद्घाटन किया।

 प्रधानमंत्री ने इन खेलों के शुभंकर तितली के आकार में अष्टलक्ष्मी का उल्लेख किया। पूर्वोत्तर राज्यों को अक्सर अष्टलक्ष्मी के तौर पर संबोधित करने वाले प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इन खेलों में तितली को शुभंकर बनाना इस बात का भी प्रतीक है कि पूर्वोत्‍तर को कैसे नया अनुभव मिल रहा है।’’

 प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर में मौजूदा खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों, लद्दाख में खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों, तमिलनाडु में खेलो इंडिया युवा खेलों, दीव में बीच गेम्स का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि उत्तर से दक्षिण और पश्चिम से पूर्व तक, भारत के हर कोने में खेलों का आयोजन किया जा रहा है।’’

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने खेल के प्रति बदलती सामाजिक धारणाओं की चर्चा करते हुए कहा कि पहले, माता-पिता अपने बच्चों को खेल गतिविधियों में शामिल करने में झिझकते थे कि उनका पढ़ाई से ध्यान भटक जाएगा लेकिन अब इस मानसिकता में बदलाव आया है और माता-पिता अब खेल में अपने बच्चों की उपलब्धियों पर गर्व करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और उन्हें सम्मानित करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘‘जिस तरह शैक्षणिक उपलब्धियों का जश्न मनाया जाता है, उसी तरह हमें खेल में उत्कृष्टता हासिल करने वालों को सम्मानित करने की परंपरा विकसित करनी चाहिए।’’

खेलों के माध्यम से स्थापित मूल्यों को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘खेलों में सफलता के लिए प्रतिभा से बढ़कर चीजों की जरूरत होती है। इसके लिए स्वभाव, नेतृत्व, टीम वर्क और जज्बे की आवश्यकता होती है।’’

 उन्होंने युवाओं को न केवल शारीरिक फिटनेस के लिए बल्कि आवश्यक जीवन कौशल विकसित करने के लिए भी खेल अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा, ‘‘जो खेलते हैं, वे भी फलते-फूलते हैं।’’

ठाकुर ने बताया कि चौथे खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में देश भर से 4544 एथलीट भाग लेंगे, जो असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, नागालैंड और त्रिपुरा में फैले पूर्वोत्तर भारत के 18 विभिन्न स्थानों पर प्रतिस्पर्धा करेंगे।

खिलाड़ी एथलेटिक्स, रग्बी, तैराकी, बैडमिंटन, हॉकी और फुटबॉल सहित 20 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि फिट इंडिया को बढ़ावा देने के सरकार के मिशन के तहत योग और मल्लखंब जैसे पारंपरिक खेलों को भी इन खेलों में शामिल किया गया है।

भाषा आनन्द पंत

पंत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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