अगरतला, नौ फरवरी (भाषा) त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के नेता अनिमेष देबबर्मा ने मुख्यमंत्री माणिक साहा से आग्रह किया है कि छात्रों को कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में कोकबोरोक पेपर बंगाली और रोमन लिपि में लिखने की अनुमति दी जाए।
राज्य के लगभग 24 प्रतिशत लोगों द्वारा बोली जाने वाली देशी भाषा कोकबोरोक की कोई लिपि नहीं है। छात्र आम तौर पर बंगाली लिपि में भाषा के पेपर लिखते हैं।
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी टिपरा मोथा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कोकबोरोक भाषा को रोमन लिपि में पेश करने का वादा किया था। त्रिपुरा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (टीबीएसई) द्वारा आयोजित कक्षा 10 और 12 की परीक्षाएं एक मार्च से शुरू होंगी।
उन्होंने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बोर्ड संसाधन की कमी का हवाला देते हुए छात्रों को अपने कोकबोरोक पेपर केवल बंगाली लिपि में लिखने की अनुमति देने के अपने फैसले पर कायम है। बोर्ड ने छात्रों को 15 से 17 वर्षों के लिए बंगाली और रोमन लिपियों में कोकबोरोक लिखने की अनुमति दी थी। इसका मतलब है कि उनके पास दोनों भाषाओं में कोकबोरोक पेपर का मूल्यांकन करने की सुविधाएं हैं।’’
आगामी बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को रोमन लिपि में अपना कोकबोरोक पेपर लिखने की अनुमति नहीं दिए जाने पर आंदोलन की आशंका व्यक्त करते हुए, देबबर्मा ने मुख्यमंत्री से इस मामले पर गौर करने और छात्रों को अपना कोकबोरोक पेपर रोमन और बंगाली लिपि में लिखने की अनुमति देने का आग्रह किया।
इससे पहले, टिपरा मोथा सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्य ने छात्रों को कोकबोरोक पेपर को बंगाली और रोमन लिपि दोनों में लिखने की अनुमति नहीं दिए जाने पर बोर्ड अध्यक्ष धनंजय गनचौधरी को हटाने की मांग की थी।
भाषा आशीष पवनेश
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